शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला और आसपास के जिलों में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विवाद ने राज्य के पांच जिलों को प्रभावित किया है, जहां स्थानीय लोग और हिंदू संगठन विरोध मार्च और रैलियां निकाल रहे हैं।
शिमला के सुन्नी क्षेत्र में 31 अगस्त को एक स्थानीय व्यक्ति की पिटाई की गई, जिसे मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा अंजाम देने का आरोप लगाया गया। घटना के बाद, आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। अगले दिन 1 सितंबर को स्थानीय लोगों ने मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि मस्जिद का पांच मंजिला ढांचा अवैध है और इसके टॉप फ्लोर से उनके घरों में तांका-झांकी होती है।
प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद के अवैध हिस्सों को तोड़ने की मांग की। 5 सितंबर को भी प्रदर्शन जारी रहा और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के खिलाफ शिमला के संजौली-ढली क्षेत्र में उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
इसके अतिरिक्त, सुन्नी, बिलासपुर, हमीरपुर, सिरमौर और मंडी के इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों के समर्थन में पूरे राज्य के बाजार दो घंटे के लिए बंद रहे।
मंडी में मस्जिद विवाद
मंडी के जेल रोड पर स्थित एक मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ। नगर निगम आयुक्त की कोर्ट ने 13 सितंबर को मस्जिद के ऊपर के दो फ्लोर को अवैध करार देते हुए इन्हें तोड़ने के लिए 30 दिन का समय दिया। मुस्लिम समुदाय ने विवाद के बढ़ते माहौल को देखते हुए खुद निर्माण तोड़ना शुरू कर दिया है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे राज्य में मस्जिदों और मुस्लिम आबादी वाले इलाकों के बाहर पुलिस तैनात की गई है। शिमला में मस्जिद कमेटी ने कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण को तोड़ने की पेशकश की है, जबकि पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी शांति स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
यह विवाद प्रदेश में धार्मिक और सामाजिक समरसता को प्रभावित कर रहा है और इसके समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से त्वरित और संवेदनशील प्रयास किए जा रहे हैं।