भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाला राजग छह नामांकित सदस्यों के समर्थन के साथ राज्यसभा में बहुमत तक पहुंच गया है। इससे सरकार को वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे प्रमुख विधेयकों को पारित कराने में मदद मिल सकती है। हाल में संपन्न राज्यसभा उपचुनाव के बाद संसद के ऊपरी सदन में सदस्यों की संख्या 234 हो गई है, जिसमें भाजपा के पास अपने 96 सदस्य हैं। राजग के सदस्यों की संख्या 113 है। आम तौर पर सरकार के पक्ष में वोट डालने वाले छह नामांकित सदस्यों के साथ राजग का संख्या बल बढ़कर 119 हो जाता है, जो बहुमत के मौजूदा आंकड़े 117 से दो अधिक है। ऊपरी सदन में कांग्रेस के 27 सदस्य, जबकि उसके सहयोगी दलों के 58 सदस्य हैं, जिससे राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है।
राज्यसभा में सदस्यों की बड़ी संख्या वाली अन्य पार्टियों में वाईएसआर कांग्रेस के पास नौ और बीजू जनता दल (बीजद) के पास सात सदस्य हैं। अन्नाद्रमुक के पास चार सदस्य, तीन निर्दलीय और अन्य सांसद उन छोटे दलों के हैं, जो कांग्रेस या भाजपा किसी के भी गठबंधन में शामिल नहीं हैं। ऊपरी सदन में जम्मू-कश्मीर की चार सीट रिक्त हैं, क्योंकि केंद्रशासित प्रदेश को अभी तक अपनी पहली विधानसभा नहीं मिली है। सदन में कुल 11 सीट रिक्त हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर की चार, आंध्र प्रदेश की चार, चार नामांकित सदस्य और ओड़ीशा की एक सीट शामिल है।
वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्यों और बीजद के एक सदस्य ने हाल में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। बीजद सदस्य सुजीत कुमार इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए, जिसके इस सीट पर उपचुनाव जीतने की संभावना है। वाईएसआर कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दो सदस्यों-एम वेंकटरमण राव और बी मस्तान राव के आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेदेपा में शामिल होने की संभावना है, जो भाजपा की सहयोगी दल है। राज्यसभा में भाजपा के सहयोगियों में जनता दल (एकी), राकांपा, जद दल-सेकु, रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (सेकु), शिवसेना, रालोद, नैशनल पीपुल्स पार्टी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) शामिल हैं।