दादा की जमीन के लिए भतीजे को काट डाला, मर्डर के बाद दोनों चाचा फरार

उत्तराखंड के नानकमत्ता के गांव चैतुआखेड़ा में एक भयानक हत्या की घटना ने सभी को चौंका दिया है। शुक्रवार की रात, दो चाचाओं ने अपने भतीजे को धारदार हथियार से मार डाला और दूसरे को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए।

पुलिस के मुताबिक, स्वरूप सिंह का 22 वर्षीय बेटा बलविंदर सिंह और 16 वर्षीय बंटी अपने घर पर सो रहे थे। बलविंदर की पत्नी, एक साल का बच्चा, बलविंदर की बहन और पिता भी घर में मौजूद थे। आधी रात को बलविंदर के दो चाचा, मलकीत सिंह और मिल्खा सिंह उर्फ मिला, घर में घुस आए और उन्होंने तेज धारदार हथियार से बलविंदर पर हमला कर दिया। शोर मचाने पर दोनों चाचा, भतीजों को मृत समझकर भाग गए।

परिवार ने घायल बलविंदर और बंटी को उप जिला चिकित्सालय खटीमा पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने बलविंदर को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल बंटी को हल्द्वानी के एसटीएच में भर्ती कराया गया। पुलिस ने पिता की तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

घायल बंटी, जो नानकमत्ता इंटर कॉलेज में पढ़ता है, ने बताया कि उसकी मां का निधन हो चुका है और उसके पिता सीधे-सादे हैं। बंटी को भाई की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। उसने बताया कि उसके चाचा पहले भी दादा और उनके परिवार से विवाद कर चुके थे और उन्हें संपत्ति हड़पने का शक था। बंटी का कहना है कि चाचा दादा को भी मार डालना चाहते थे, लेकिन सौभाग्यवश दादा उस समय घर पर नहीं थे।

दादा महेंद्र सिंह ने रोते हुए बताया कि इस हत्या के पीछे एक छोटी सी जमीन का टुकड़ा था। उन्होंने बताया कि यह जमीन सरकारी और नानकसागर बांध की है, जिसे उन्होंने अपने तीन बेटों में बराबर बांटा था। स्वरूप सिंह ही उस जमीन पर खेती करता है, और इसी जमीन के लिए मलकीत और मिल्खा ने परिवार से रंजिश पाल रखी थी। शुक्रवार रात को इसी विवाद के चलते चाचाओं ने भतीजों पर हमला कर दिया, जिसमें बलविंदर की मौत हो गई और बंटी गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया है और घायल बंटी का इलाज जारी है।

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