संसद का हंगामेदार समापन विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष की चाय पार्टी का किया बहिष्कार

शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन भी संसद में भारी हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के साथ समाप्त हुआ। विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह पर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और इसे लेकर सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

प्रमुख घटनाएं:

  • अंबेडकर मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा।
  • वन नेशन वन पोल बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया।
  • राज्यसभा केवल 43 घंटे प्रभावी रूप से चली।

विपक्ष ने चाय पार्टी का बहिष्कार किया:
इंडिया ब्लॉक ने लोकसभा अध्यक्ष की चाय पार्टी का बहिष्कार करते हुए इसे दिखावा बताया। विपक्ष ने कहा कि जब उनके सांसदों को बोलने नहीं दिया जा रहा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हैं, तो इस पार्टी में शामिल होना अनुचित होगा।

लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा:

गुरुवार को हुए विवाद और हाथापाई के बाद लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसदों ने ‘जय भीम’ के नारे लगाए और संसद गेट पर प्रदर्शन किया। राज्यसभा में भी इसी प्रकार के व्यवधान देखने को मिले।

राज्यसभा सभापति की चिंता:
सभापति जगदीप धनखड़ ने सत्र में हुए कम कामकाज पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केवल 40% कामकाज हुआ और यह लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने सांसदों से लोकतांत्रिक संस्थाओं की पवित्रता बहाल करने की अपील की।

कांग्रेस का विजय चौक से संसद तक मार्च:

सत्र से पहले प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने विजय चौक से संसद तक मार्च किया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग की।

अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर विवाद:

अमित शाह की संविधान पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनातनी जारी रही। गुरुवार को दोनों दलों के सांसदों के बीच टकराव हुआ, जिसमें दो बीजेपी सांसद घायल हो गए। बीजेपी ने राहुल गांधी पर उनके सांसद को धक्का देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई।

संसद का यह शीतकालीन सत्र राजनीतिक मतभेदों और विरोध-प्रदर्शनों से भरपूर रहा, लेकिन कम कामकाज के कारण जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका।