संसद सत्र 2024: स्पष्ट बहुमत की सरकार के जिक्र पर विपक्ष ने मचाया शोर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के दौरान नई सरकार को विपक्ष के तीखे तेवर झेलने पड़े। हर मुद्दे पर विपक्ष गंभीर दिखा और अभिभाषण के दौरान सत्तापक्ष को घेरता नजर आया। इसके जवाब में सत्तापक्ष के सांसदों ने जमकर मेजें थपथपाई। राष्ट्रपति ने जब सरकार को मिले स्पष्ट बहुमत का जिक्र किया तो इस पर विपक्ष के सांसदों ने सदन में शोर मचाकर स्पष्ट बहुमत और आपातकाल के मुद्दे पर शर्म करो के नारे लगाए। इसी प्रकार विपक्ष ने नीट, रक्षा, आपातकाल और मणिपुर के मसले पर भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान टीका टिप्पणी की। हालांकि राष्ट्रपति का अभिभाषण लगातार जारी रहा। राष्ट्रपति के करीब 55 मिनट के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने करीब 180 बार मेजें थपथपायीं तो विपक्षी सदस्यों ने भी पलटवार का कोई मौका नहीं गंवाया। दोनों ने नारों के माध्यम से एक-दूसरे पर तंज भी कसे। सत्ता पक्ष की ओर से सबसे अधिक समय तक मेजें उस वक्त थपथपाई गईं जब राष्ट्रपति ने 1975 के आपातकाल का जिक्र किया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस दौरान ‘शेम, शेम’ के नारे लगाए। उस वक्त विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर शांति से बैठे हुए थे। हालांकि कुछ सदस्य इस दौरान ‘आज तो अघोषित आपातकाल है’ कहते सुने गए। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में 1975 में लागू आपातकाल का जिक्र किया और इसे ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा एवं काला अध्याय’ करार देते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई। मुर्मू ने आपातकाल का जिक्र ऐसे समय किया है जब विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस लंबे समय से लगातार यह आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार लोकतंत्र एवं संविधान पर हमले कर रही है तथा पिछले 10 वर्षों से देश में ‘अघोषित आपातकाल’ है। अभिभाषण समाप्त होने के बाद सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने ‘जय श्री राम’ के तो विपक्षी सदस्यों ने ‘जय संविधान’ के नारे लगाए। राष्ट्रपति के सदन से जाने के बाद कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेतागण सोनिया गांधी के पास गए और उनसे बातचीत की। राजद की मीसा भारती ने पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और डेरेक को भी सोनिया गांधी से बातचीत करते देखा गया। नई सरकार बनने के बाद राष्ट्रपति सदन में स्थापित सेंगोल की अगुआई में सदन में पहुंची। सबसे आगे संगोल और उसके पीछे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और दोनों सदनों के महासचिव मौजूद थे। अध्यक्ष की कुर्सी के ठीक सामने सेंगोल को स्थापित किया गया और इसके बाद राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया। प्रधानमंत्री मोदी पहली पंक्ति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा के साथ बैठे नजर आए जबकि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठे थे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी पहली पंक्ति में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बगल में बैठी थीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक साथ पहली पंक्ति में बैठे जबकि उनके निकट ही विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठे थे।

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