कृष्ण जन्मभूमि मामले में आदेश वापस लेने की अर्जी खारिज

Petition to withdraw order in Krishna Janmabhoomi case rejected

मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में मुसलिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। मामले में 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मुसलिम पक्ष की अर्जी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने 11 जनवरी, 2024 के अपने निर्णय में हिंदू पक्षों द्वारा दायर मुकदमों को एकसाथ कर दिया था। मुसलिम पक्ष की तरफ से पेश हुईं उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने दलील दी थी कि सभी मामलों को एकसाथ किये जाने से वे सभी मामलों का विरोध करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने यह दलील भी दी थी कि यह समयपूर्व अवस्था है तथा मुद्दे तय किए जाने और साक्ष्य एकत्र किए जाने से पूर्व मुकदमों को एकसाथ नहीं किया जाना चाहिए। मुसलिम पक्ष के इस आवेदन का विरोध करते हुए हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई थी कि एक बार अदालत ने विचार कर लिया कि राहत समान है, संपत्ति समान है और प्रतिवादी समान हैं तो इन मुकदमों को एकसाथ करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में है एवं किसी भी पक्ष को इसे चुनौती देने का अधिकार नहीं है। हिंदू पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि इस तरह की आपत्तियों का उद्देश्य सुनवाई को लटकाना है। अदालत ने एक अगस्त, 2024 के आदेश में मुद्दे तय करने को कहा था, लेकिन आज की तिथि तक कोई भी मुद्दा तय नहीं हुआ है और अदालत केवल आवेदनों पर सुनवाई कर रही है। हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा था कि मुकदमों को एकसाथ करना इस अदालत का विवेकाधिकार है और इसे किसी व्यक्ति द्वारा बदला नहीं जा सकता।

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