कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को लेकर CBI की जांच अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। यह जांच उस परास्नातक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले से जुड़ी है, जिसमें घोष से पिछले छह दिनों से पूछताछ की जा रही है।
CBI ने अब घोष का पालीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी की है, क्योंकि उनके दिए गए कुछ उत्तरों में संदेह पैदा हो रहा है। पालीग्राफ टेस्ट में व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने घोष को बुधवार रात नेशनल मेडिकल कॉलेज से भी हटा दिया है। उन्हें हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज से हटाकर नेशनल मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था। यह कदम प्रदर्शनकारी चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों के दबाव के चलते उठाया गया। इसके अलावा, आरजी कर अस्पताल की मौजूदा प्राचार्य सुहृता पाल और अधीक्षक बुलबुल मुखोपाध्याय सहित अन्य अधिकारियों को भी उनके पद से हटा दिया गया है।
घोष ने 9 अगस्त को, अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में पीड़िता का शव मिलने के दो दिन बाद, अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह CBI के समक्ष कई बार पेश हो चुके हैं, और जांचकर्ताओं द्वारा पूछे गए सवालों के कुछ उत्तरों में असंगति पाई गई है, जिसके चलते पालीग्राफ टेस्ट का विकल्प विचाराधीन है।
CBI द्वारा की जा रही जांच के तहत घोष से कई अहम सवाल पूछे गए, जिनमें उनके शव मिलने पर की गई प्रतिक्रियाएँ, मृतका के माता-पिता को शव देखने के लिए इंतजार कराने के कारण और शव मिलने के स्थान पर मरम्मत कार्य की अनुमति से जुड़े सवाल शामिल हैं।
इस मामले में जांच और भी गहराई तक जाने की संभावना है, क्योंकि घोष का पालीग्राफ टेस्ट इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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