राजस्थान में हाल ही में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें से बीजेपी ने 5 सीटें जीतकर अपनी पकड़ मजबूत की। कांग्रेस को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा, क्योंकि वह अपने कब्जे वाली 4 में से सिर्फ 1 सीट (दौसा) बचा सकी। अन्य 4 सीटों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।
मुख्य चुनावी नतीजे:
- बीजेपी: झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, और रामगढ़ सीटें जीतीं।
- कांग्रेस: सिर्फ दौसा सीट पर जीत।
- BAP (भारतीय आदिवासी पार्टी): चौरासी सीट पर जीत।
- RLP (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी): खींवसर सीट गंवाई।
चुनाव का प्रमुख विश्लेषण
झुंझुनूं सीट:
कांग्रेस 21 साल बाद यहां हार गई। बीजेपी के राजेंद्र भांबू ने इस सीट पर जीत हासिल की।
यह झुंझुनूं के इतिहास में कांग्रेस की सबसे बड़ी हार मानी जा रही है।
खींवसर सीट:
बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने आरएलपी की प्रत्याशी और सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को हराया।
आरएलपी की हार के साथ पार्टी के पास अब राजस्थान में कोई विधायक नहीं बचा।
देवली-उनियारा सीट:
बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर विजयी रहे।
कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही, जबकि निर्दलीय नरेश मीणा दूसरे स्थान पर थे।
दौसा सीट:
कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा ने यह सीट बचाई।
बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा हार गए।
हार के बाद किरोड़ी लाल ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाया।
सलूंबर सीट:
बीजेपी की शांता मीना ने जीत दर्ज की।
आखिरी राउंड तक BAP प्रत्याशी आगे थे, लेकिन अंतिम क्षणों में बाजी पलट गई।
रामगढ़ सीट:
बीजेपी के सुखवंत सिंह ने यहां बड़ी जीत दर्ज की।
चौरासी सीट:
BAP के अनिल कुमार कटारा विजयी रहे।
बीजेपी की जीत के बाद जश्न
- बीजेपी कार्यालयों में कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों और पटाखों से जीत का जश्न मनाया।
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह जनता का बीजेपी के प्रति विश्वास है।
कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
- कांग्रेस को इन चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।
- दौसा में जीत के बाद भी पार्टी के भीतर आत्ममंथन की जरूरत महसूस हो रही है।
किरोड़ी लाल का दर्द छलका
दौसा सीट पर भाई की हार से मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी के नेताओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, “मुझे तो अपनों ने ही मारा।”
चुनाव के नतीजों का महत्व:
- राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है।
- कांग्रेस को अपने गढ़ बचाने के लिए रणनीति बदलनी होगी।
- BAP ने चौरासी सीट जीतकर आदिवासी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आगे का रास्ता:
- बीजेपी के लिए यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है।
- कांग्रेस को हार के कारणों का विश्लेषण कर मजबूत वापसी की कोशिश करनी होगी।