ओड़ीशा में रथयात्रा के समापन के साथ रसगुल्ला दिवस मनाया गया
Published on July 20, 2024 by Vivek Kumar
वार्षिक रथ यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ के 'नीलाद्रि बीजे' (मंदिर में प्रवेश से संबंधित अनुष्ठान) के अवसर पर ओड़ीशा में शुक्रवार को 'रसगुल्ला दिवस' मनाया गया, जो राज्य के लोगों के लिए मिष्ठान्न के महत्व को रेखांकित करता है। इस दिन को 'रसगुल्ला दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ अपनी रूठी पत्नी देवी लक्ष्मी को रसगुल्ला खिलाकर मनाते हैं। श्री जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी रथयात्रा में साथ नहीं ले जाए जाने की वजह से भगवान जगन्नाथ से नाराज हो जाती हैं। तीन जुलाई 2015 से ओड़ीशा के लोग 'नीलाद्री बीजे' अनुष्ठान को 'रसगुल्ला दिवस' के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस अवसर पर भगवान को 'रसगुल्ले' का भोग लगाया जाता है और उसके बाद उन्हें औपचारिक 'पहांडी' शोभा यात्रा के जरिए गर्भगृह में ले जाया जाता है।
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