‘जय जगन्नाथ’ के जयकारों और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच सोमवार को भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभदा की ‘बहुड़ा यात्रा’ यानी घुरती रथ यात्रा निकाली गयी. हजारों श्रद्धालुओं ने तीनों देवताओं के रथों को खींचा. इससे पहले, पुरी के राजा ‘गजपति महाराज’ दिव्य सिंह देब ने ‘छेरा पहरा’ अनुष्ठान किया. इस दौरान उन्होंने पवित्र जल छिड़क कर सोने की झाड़ से तीनों रथों को साफ किया. सात जुलाई को आराध्य देव जगन्नाथ मंदिर से रथ पर सवार होकर श्री गुंडिचा मंदिर गये थे. भगवान बलभद, देवी सुभदा और भगवान जगन्नाथ सात दिनों तक गुंडिचा मंदिर में रहे, जिसे उनका जन्मस्थान माना जाता है