भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2026 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 20 प्रतिशत हिस्सेदार बनने की दिशा में अग्रसर है। वर्तमान में डिजिटल अर्थव्यवस्था की जीडीपी में हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ‘मुद्रा और वित्त पर रिपोर्ट’ (आरसीएफ) की प्रस्तावना में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण नई पीढ़ी की बैंकिंग गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रहा है और इससे किफायती लागत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार हो रहा है। रिपोर्ट में भारत को डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में अग्रणी बताते हुए कहा गया है कि देश ने डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाया है, जिससे वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) के साथ-साथ बायोमेट्रिक पहचान, एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई), मोबाइल संपर्क, डिजिटल लॉकर और सहमति आधारित डेटा साझाकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल क्रांति बैंकिंग बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ कर रही है, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और कर संग्रह शामिल हैं। इसके साथ ही, जीवंत ऑनलाइन बाजार उभर रहे हैं और उनकी पहुंच लगातार बढ़ रही है।