कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय के मामले में सीबीआई की देरी को लेकर सियालदह कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है।

शुक्रवार को जज पामेला गुप्ता ने तब नाराजगी जताई, जब सीबीआई के जांच अधिकारी और सरकारी वकील (पीपी) समय पर पेश नहीं हुए। सुनवाई में देरी होने पर गुप्ता ने पूछा कि क्या आरोपी संजय रॉय को सीबीआई की देरी के कारण जमानत दे दी जाए। उन्होंने सवाल किया, “पीपी और आईओ कहां हैं? क्या मुझे जमानत देनी चाहिए?”

सीबीआई की जांच में देरी

सीबीआई के वकील दीपक पोरिया देर से पहुंचे और संक्षेप में रॉय की जमानत का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि उसे रिहा करने से जांच में बाधा आ सकती है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), जो कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में भाजपा के साथ आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है, ने इस संवेदनशील मामले में अधिकारियों की देरी पर सवाल उठाए।

संजय रॉय, जो कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलंटियर हैं, को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है। सुनवाई के दौरान रॉय के बचाव पक्ष के वकील कविता सरकार ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि सीबीआई ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए हैं। टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने इस मामले में सीबीआई की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई आरोपी को जमानत पर रिहा करने की कोशिश कर रही है।

टीएमसी की प्रतिक्रिया

साकेत गोखले ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सीबीआई बलात्कार और हत्या के आरोपी राक्षस को जमानत पर रिहा करना चाहती है। सीबीआई, भाजपा और मोदी सरकार मिलकर इस मामले को दफनाने की कोशिश कर रहे हैं। सीबीआई इसे जमानत कैसे दे सकती है? क्या कोई घातक एजेंडा चल रहा है? आज सीबीआई कोर्ट में क्यों अनुपस्थित थी?”

यह मामला, जिसमें पिछले महीने एक प्रशिक्षु डॉक्टर की दर्दनाक मौत हुई थी, ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की 9 सितंबर को सुनवाई करेगा, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की असहयोगिता और जांच में देरी को लेकर चर्चा होगी।