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हाथरस भगदड़ में बड़ी साजिश के संकेत

Published on July 10, 2024 by Vivek Kumar

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को स्थानीय एसडीएम, पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) और चार अन्य को निलंबित कर दिया। इस रिपोर्ट में घटना के पीछे 'बड़ी साजिश' से इनकार नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर भी लापरवाही होने की बात कही गई है जिसके कारण दो जुलाई को यह घटना हुई। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। रिपोर्ट में जिला प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है। रिपोर्ट कहती है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वे वरिष्ठ अधिकारियों को उचित सूचना देने में विफल रहे। हाथरस जिले के फुलरई गांव में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत छह लोगों को अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया। अपनी प्रारंभिक जांच में एसआईटी ने प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर भगदड़ के लिए मुख्य रूप से कार्यक्रम आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया है। एसआईटी ने घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है। छह जुलाई को स्वयंभू 'बाबा' के अधिवक्ता ने दावा किया था कि 'कुछ अज्ञात लोगों' द्वारा 'एक किस्म का जहरीला पदार्थ' छिड़कने के कारण भगदड़ मची। जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजकों और तहसील स्तर की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी दोषी पाया।

एसआईटी रिपोर्ट पर एसडीएम, सीओ समेत छह लोग निलंबित

क्या कहती है SIT रिपोर्ट
  • सिकंदराराऊ के एसडीएम ने आयोजन स्थल का निरीक्षण किए बिना ही कार्यक्रम की अनुमति दे दी।
  • आयोजकों ने तथ्य छिपाकर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति ली।
  • आयोजन समिति से जुड़े लोगों को अराजकता फैलाने का दोषी पाया गया।
  • आयोजकों ने उचित पुलिस सत्यापन बिना स्वयंसेवकों को काम पर रखा।
  • स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने से रोका गया।
  • भोले बाबा को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भीड़ से मिलने की अनुमति दी गई।
  • जब दुर्घटना हुई तो आयोजन समिति के सदस्य मौके से भाग गए।

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