नई दिल्ली, 12 सितंबर 2024: भारतीय राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी का आज 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में गंभीर श्वसन संक्रमण के उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और अंततः उनका निधन हो गया।
येचुरी के निधन की खबर से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके निधन से भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है।
सीताराम येचुरी को 19 अगस्त को निमोनिया जैसी छाती की बीमारी के इलाज के लिए AIIMS में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों की अथक कोशिशों के बावजूद उनकी स्थिति गंभीर होती गई, और आज उनका निधन हो गया।
अपने राजनीतिक जीवन में येचुरी ने समाजिक न्याय और समता के लिए लगातार संघर्ष किया। 2015 में वे पहली बार CPI(M) के महासचिव बने, और इसके बाद 2018 और 2022 में उन्हें फिर से इस पद पर चुना गया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “सीताराम येचुरी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “येचुरी की समाजिक न्याय और समानता के प्रति प्रतिबद्धता प्रेरणादायक थी। उनकी विरासत हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहेगी।”
CPI(M) के नेता हन्नान मोल्लाह ने उन्हें “एक सच्चे साथी और श्रमिक वर्ग के चैंपियन” के रूप में याद किया।सीताराम येचुरी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत CPI(M) की छात्र शाखा ‘स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (SFI) से की थी। उन्होंने पार्टी की विभिन्न भूमिकाओं में कार्य करते हुए पार्टी के पोलित ब्यूरो में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
वे हमेशा विपक्षी दलों को एकजुट करने और सत्ताधारी शक्तियों के खिलाफ गठबंधन राजनीति के समर्थक रहे, जो उनके राजनीतिक जीवन का एक प्रमुख योगदान माना जाता है।
CPI(M) ने घोषणा की है कि सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार 14 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में किया जाएगा। विभिन्न दलों के नेता अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए इस अवसर पर उपस्थित होंगे।