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डीयू के प्रबंधन अध्ययन संकाय के छात्रों का वरिष्ठ साथियों पर आरोप, बोले रात में जगाते हैं, घटिया शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित करते हैं

Published on July 1, 2024 by Vivek Kumar

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय (एफएमएस) में प्रथम वर्ष के कई छात्रों ने अपने वरिष्ठ पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्रों ने इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद संस्थान प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एफएमएस के डीन वेंकट रमन ने कहा कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस बारे में डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने मामले की जानकारी न होने की बात कहते हुए कहा कि अगर ऐसा मामला हुआ है तो जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। संस्थान के शिकायत निवारण प्रकोष्ठ को भेजी गई एक शिकायत के अनुसार, छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें रात ढाई बजे असाइनमेंट सौंपे गए और सुबह 5 बजे परिसर में बातचीत के लिए बुलाया गया। ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट सपोर्ट से दूर रखने के लिए हस्ताक्षर करने पर मजबूर किया गया। एफएमएस का प्लेसमेंट सेल वरिष्ठ छात्रों द्वारा चलाया जाता है। शिकायत निवारण सेल में शिकायत करने वाले एक छात्र ने बताया कि 15 जून के बाद से उनसे ज्यादा काम लिया गया। उन्हें नींद से वंचित किया गया, धमकियां दी गईं और नकारा महसूस कराया गया। वरिष्ठ साथी हतोत्साहित और अपमानित करने के लिए घटिया शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। घटना की जानकारी देते हुए एक अन्य छात्र ने बताया कि इस व्यवहार के कारण एक छात्र को दौरा पड़ा और वह बेहोश हो गया। छात्रों के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर एफएमएस के डीन रमन ने कहा कि ऐसे कार्य वरिष्ठों द्वारा उन्हें प्लेसमेंट के लिए बेहतर तैयारी में मदद करने के लिए दिए जाते हैं। यदि कोई कार्य 2:30 बजे सुबह दिया गया था, तो आपको यह देखना होगा कि वरिष्ठ भी कार्य का आकलन करने के लिए तब तक जाग रहे थे। उन्होंने कहा कि वास्तव में वे एक- दूसरे की मदद कर रहे हैं। हालांकि, डीन ने कहा कि इस प्रक्रिया में अगर कुछ भी गलत कहा गया है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। डीन ने बताया कि इसी तरह की एक घटना कुछ दिन पहले हुई थी, जिसमें छात्रों ने आरोप लगाया था कि उन्हें ब्रेक नहीं दिया गया। हमारी एंटी रैगिंग कमेटी ने पाया कि दावे तथ्यात्मक रूप से गलत थे। डीन ने कहा, हमने यूजीसी को इस बारे में अवगत कराते हुए एक रिपोर्ट सौंपी है।

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