सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या जेल में मुख्यमंत्री को आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने पर रोक है

सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की सजा माफ करने में देरी से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जेल से अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने पर कोई प्रतिबंध है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ को बताया कि जब तक मुख्यमंत्री द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाते, तब तक फाइल उपराज्यपाल को नहीं भेजी जा सकती। जो वर्तमान में कथित दिल्ली शराब घोटाले में जेल में हैं। इस पर पीठ ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री पर जेल से अपने कर्तव्यों का पालन करने पर कोई प्रतिबंध आदेश है? हम इसकी जांच करना चाहते हैं, क्योंकि इससे सैकड़ों मामले प्रभावित होंगे।

मुख्यमंत्री से संबंधित न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के कारण बहुत सारी फाइलें होंगी। क्या मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी महत्वपूर्ण फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर कोई प्रतिबंध है ? मुख्यमंत्री 21 मार्च 2024 से ईडी की हिरासत में हैं। ईडी की हिरासत में रहते हुए उन्हें 26 जून 2024 को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मांगने और सीबीआइ द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी, जबकि ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बड़ी पीठ को भेज दिया था। हालांकि, सीबीआइ द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कारण वे हिरासत में ही रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली सरकार को याचिकाकर्ता को स्थायी छूट देने पर फैसला लेने का निर्देश दिया था। 10 अप्रैल को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फरलो दिया था। 10 मई 2024 को कोर्ट ने राज्य को दो महीने के भीतर उनकी स्थाई छूट पर फैसला करने का निर्देश दिया था। इस समय सीमा को 19 जुलाई को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया। जिस पर शुक्रवार को मामले की सुनवाई होनी थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 45आइ (4) के खंड (प) और (अपप) के कारण प्रक्रिया रुकी हुई है।

News by Hindi Patrika