बेंगलुरु में 3 और 4 सितंबर की रात को महालक्ष्मी की हत्या से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस कांड का आरोपी मुक्ति रंजन रॉय, जो महालक्ष्मी से बेहद प्यार करता था, ने गुस्से और निराशा में उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, उसने महालक्ष्मी की लाश के 50 से अधिक टुकड़े कर दिए, जो पूरी घटना को और भी भयावह बनाता है।

मुक्ति रंजन रॉय का प्यार और महालक्ष्मी का मोबाइल

मुक्ति रंजन रॉय महालक्ष्मी के लिए पूरी तरह से समर्पित था, लेकिन जब उसने महालक्ष्मी के मोबाइल में अन्य लोगों के साथ उसकी तस्वीरें देखीं, तो उसके मन में शक और गुस्सा पैदा हुआ। महालक्ष्मी की अन्य पुरुषों से नजदीकियां और उसके शादी के प्रस्ताव को ठुकराने के कारण उनके रिश्ते में दरार आ गई। मुक्ति रंजन महालक्ष्मी से शादी करना चाहता था, लेकिन महालक्ष्मी इसे लगातार टालती रही। इस तनाव भरी रात में दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिसने एक भयानक मोड़ ले लिया।

महालक्ष्मी की हत्या और लाश के टुकड़े

पुलिस की जांच के अनुसार, मुक्ति रंजन और महालक्ष्मी के बीच 3 और 4 सितंबर की रात को विवाद हुआ। गुस्से में आकर मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी का गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद, मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। उसने सीसीटीवी में कैद होकर एक बड़ा चाकू खरीदा, जिससे उसने लाश के टुकड़े किए। वह लाश के टुकड़ों को एक सूटकेस में डालकर फेंकने की योजना बना रहा था, लेकिन ऐसा करने में वह असफल रहा। अंततः उसने लाश को फ्रिज में ठूंसकर घर से भागने का निर्णय लिया।

हत्या के बाद मुक्ति रंजन की फरारी

हत्या के बाद मुक्ति रंजन ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया और फरार हो गया। उसने अपने छोटे भाई स्मृति रंजन रॉय को हत्या की जानकारी दी और उसे भी छिपने की सलाह दी। पुलिस ने मुक्ति रंजन की तलाश शुरू की और पश्चिम बंगाल में उसकी आखिरी लोकेशन पाई, लेकिन इसके पहले कि पुलिस उसे पकड़ पाती, उसने आत्महत्या कर ली।

मुक्ति रंजन का सुसाइड नोट

मुक्ति रंजन के सुसाइड नोट में उसने अपनी निराशा और महालक्ष्मी के साथ हुए झगड़ों का जिक्र किया है। उसने बताया कि कैसे महालक्ष्मी से उसके रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे, और पुलिस से बचने के लिए उसे रिश्वत तक देनी पड़ी थी। हालांकि, अब दोनों इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन इस दर्दनाक मर्डर केस ने कई सवाल छोड़ दिए हैं।