नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी स्थित सरकारी शेल्टर होम ‘आशा किरण’ में मानसिक रूप से बीमार 14 लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने की मांग की है।
दिल्ली की समाज कल्याण मंत्री आतिशी ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सिफारिशें की जाएंगी। आतिशी ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए।
मौतों की जानकारी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 से अब तक ‘आशा किरण’ में हुई 14 मौतों में से अधिकांश लोगों की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी। मौत के कारणों में फेफड़ों का इन्फेक्शन, टीबी और निमोनिया शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, कुपोषण और फूड पॉइजनिंग की संभावनाओं की भी जांच की जा रही है। दो शवों का पोस्टमॉर्टम अभी बाकी है और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
पिछले विवाद
‘आशा किरण’ शेल्टर होम की स्थापना 1989 में की गई थी और इसका उद्देश्य मानसिक रूप से बीमार लोगों को आश्रय प्रदान करना था। हालांकि, यह शेल्टर होम पहले भी विवादों में घिर चुका है। 2011 से 2017 के बीच 123 पुरुष और 73 महिलाओं की मौतें हुई थीं। पिछले वर्षों में भी इस शेल्टर होम में मौतों की घटनाएं सामने आई हैं, जिनकी प्रत्येक की सूचना स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी जाती थी।
दिल्ली सरकार की ओर से की गई जांच और कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा और शेल्टर होम में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।