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ट्रेन हादसा: अपर बर्थ गिरने से यात्री की दर्दनाक मौत, रेलवे ने दी सफाई

Published on June 27, 2024 by Vivek Kumar

केरल से दिल्ली आ रही एक ट्रेन में एक दुखद हादसा हो गया, जिसमें एक यात्री की जान चली गई। यह हादसा एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन मिलेनियम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12645) के S6 कोच में हुआ, जब एक निचली बर्थ पर बैठे यात्री के ऊपर अचानक अपर बर्थ गिर गई। हादसा उस समय हुआ जब 62 वर्षीय अली खान ट्रेन की निचली बर्थ पर बैठे थे। अपर बर्थ अचानक से उनके ऊपर गिर गई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। हादसे के तुरंत बाद, कोच में अफरा-तफरी मच गई और ट्रेन को नजदीकी स्टेशन पर रोक दिया गया। अली खान को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तीन इमरजेंसी ऑपरेशन किए गए। लेकिन दुख की बात है कि डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। रेलवे ने इस हादसे पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि अपर बर्थ की चेन सही तरीके से फिट नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। मंत्रालय का दावा है कि ट्रेन की सीट में कोई निर्माण दोष नहीं था और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर सीट की जांच के दौरान यह पूरी तरह से ठीक पाई गई थी। मंत्रालय ने यह भी बताया कि घटना के तुरंत बाद तेलंगाना के रामागुंडम स्टेशन पर ट्रेन को रोककर घायल यात्री को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। चिकित्सकों ने बताया कि अली खान की गर्दन की तीन हड्डियां टूट गई थीं और इससे वे आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंत तीन इमरजेंसी सर्जरी की गई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह हादसा रेलवे की सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठाता है। अपर बर्थ की चेन सही तरीके से फिट न होने के कारण हुई इस दुर्घटना से यह स्पष्ट होता है कि कोचों की फिटिंग और सुरक्षा की जांच में कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई थी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे को अपने निरीक्षण और रखरखाव के मानकों को और कड़ा करने की आवश्यकता है। रेलवे ने इस हादसे के बाद अपनी जांच प्रक्रिया को और सख्त बनाने का आश्वासन दिया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की असुविधा या सुरक्षा खामी की जानकारी तुरंत रेलवे अधिकारियों को दें।
यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि यात्री सुरक्षा को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
रेलवे को इस हादसे से सबक लेते हुए अपने सुरक्षा मानकों को और सख्त करना होगा और नियमित निरीक्षण एवं रखरखाव की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

इस घटना से कुछ मुख्य बिंदु निकलते हैं:

1. सुरक्षा उपायों की कमी: अपर बर्थ को ठीक तरह से चेन से फिट नहीं किया गया था, जिससे यह दुर्घटना हुई। यह दर्शाता है कि कोचों की सुरक्षा और फिटिंग की जांच में कहीं न कहीं कमी रह गई थी। 2. आपातकालीन प्रतिक्रिया: रेलवे ने घायल यात्री को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। लेकिन इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पहले से तैयारी और सतर्कता आवश्यक है। 3. जांच और सुधार: इस घटना के बाद रेलवे को अपनी जांच प्रक्रिया को और भी कड़ा करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। 4. रेलवे की सफाई: रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि अपर बर्थ की चेन सही तरीके से नहीं लगी थी, जिससे यह हादसा हुआ। इस तरह की तकनीकी त्रुटियों को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और रखरखाव जरूरी है। ट्रेन यात्रा के दौरान इस तरह की सुरक्षा चूक बहुत गंभीर मुद्दा है और रेलवे को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस घटना से सीख लेते हुए रेलवे को अपने सुरक्षा मानकों को और सख्त बनाने और यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और किसी भी असुविधा या खामी की जानकारी तुरंत रेलवे अधिकारियों को देनी चाहिए।

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