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ट्रंप ने दिए अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध थमने के संकेत, लेकिन TikTok डील अटकी

Published on April 19, 2025 by Vivek Kumar

  वॉशिंगटन डी.सी. — लहज़े में बड़ा बदलाव दिखाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को संकेत दिया कि अमेरिका और चीन के बीच जारी कड़ा टैरिफ युद्ध अब खत्म होने की कगार पर हो सकता है — हालांकि TikTok के अमेरिका में भविष्य को लेकर डील अब भी अधर में लटकी है। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने यह स्वीकार किया कि टैरिफ बढ़ाने की एक सीमा होती है और इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर महंगाई का दबाव भी पड़ता है। “एक समय ऐसा आता है जब लोग खरीदना बंद कर देते हैं,” ट्रंप ने कहा। उन्होंने आगे कहा, “तो मैं हो सकता है कि और ऊपर न जाऊं, या जितना तय किया था उतना भी न बढ़ाऊं। हो सकता है मैं इससे भी कम करूं।” यह वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने कुछ ही हफ्ते पहले कुछ चीनी सामानों पर 245% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।

क्या व्यापार तनाव कम हो रहा है?

राष्ट्रपति के ये बयान उस वक्त आए हैं जब 2 अप्रैल से शुरू हुए जवाबी टैरिफ दौर ने वैश्विक बाज़ारों को हिला दिया। ट्रंप ने अधिकांश आयातित वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाया, लेकिन ऊंचे दर तय करने का फैसला फिलहाल बातचीत के लिए टाल दिया। वहीं चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन बाद में कहा कि वह अब "संख्याओं के इस खेल" में हिस्सा नहीं लेगा — जिससे संकेत मिला कि दोनों देश इस संघर्ष की हद तक पहुँच चुके हैं। “चीन ने संपर्क किया है,” ट्रंप ने बताया और कहा कि वे “अगले तीन-चार हफ्तों में समझौता” होने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि रॉयटर्स के सूत्रों का कहना है कि ज़मीनी स्तर की बातचीत तो जारी है, लेकिन किसी बड़े समझौते के लिए आवश्यक उच्चस्तरीय वार्ताएं अभी दूर की बात हैं।

TikTok विवाद के बीच

इधर, TikTok — जिसे अमेरिका में 170 मिलियन से ज़्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं — अब भी भू-राजनीतिक खींचतान में फंसा है। ट्रंप लंबे समय से चाइनीज़ पैरेंट कंपनी ByteDance पर अमेरिकी उपभोक्ताओं के डेटा और संभावित प्रभाव के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए TikTok की अमेरिका में संपत्तियों को बेचने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि एक डील तैयार बताई जा रही है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि जब तक चीन के साथ व्यापार विवाद सुलझ नहीं जाता, TikTok की डील को टालना पड़ेगा। “हमारे पास TikTok के लिए एक समझौता है, लेकिन वो चीन पर निर्भर है,” राष्ट्रपति ने पुष्टि की। “हम इस सौदे को तब तक रोक कर रखेंगे जब तक बाकी मामला तय नहीं हो जाता।”

बाज़ार की नज़र

ट्रंप के टैरिफ पर नरम रुख से संकेत मिलता है कि घरेलू अर्थव्यवस्था और राजनीति का दबाव बढ़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी उपभोक्ता खर्च प्रभावित हो सकता है — जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, खासकर तब जब महंगाई पहले से ही ऊंचाई पर है। गुरुवार के बयान पर निवेशकों ने सतर्क प्रतिक्रिया दी। एक तरफ यह बातचीत के लिए दरवाज़ा खुलने का संकेत था, तो दूसरी तरफ ट्रंप के अक्सर रुख बदलने की आदत ने बाज़ार को संभलकर प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया। “हमने इससे पहले भी ऐसा होते देखा है — तीखे बयान, बड़ी मांगें और फिर अचानक नरमी,” मॉर्गन स्टैनली के एक विश्लेषक ने कहा।

समझौते की उम्मीद?

यह साफ नहीं है कि ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सीधी बात हुई है या नहीं, लेकिन दोनों देशों की सार्वजनिक टिप्पणियों में आए बदलाव से तनाव कम होने के संकेत ज़रूर मिल रहे हैं। फिलहाल बाज़ार, नीति निर्माता और TikTok के करोड़ों अमेरिकी यूज़र्स इंतज़ार की स्थिति में हैं — उस व्यापार युद्ध की आँधी में फंसे हुए, जो अब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला रहा है।

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