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UGC ने भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें तैयार करने के लिए परियोजना शुरू की

Published on July 17, 2024 by Vivek Kumar

[caption id="attachment_8359" align="alignnone" width="1200"]Tripura is also heading towards a crisis like Manipur - Congress Tripura is also heading towards a crisis like Manipur - Congress[/caption] शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पांच वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें तैयार करने के लिए मंगलवार को एक परियोजना शुरू की। 'अस्मिता' (अनुवाद और अकादमिक लेखन के जरिए भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री का संवर्धन) नामक परियोजना की शुरुआत उच्चतर शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने की। शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए यह यूजीसी और भारतीय भाषा समिति की एक सहयोगात्मक कोशिश है। समिति, शिक्षा मंत्रालय के तहत एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी है। यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य उच्चतर शिक्षा के विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मौलिक पुस्तक लेखन के लिए एक मजबूत परिवेश बनाना है। इसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर 22 भाषाओं में एक-एक हजार पुस्तकें तैयार करना है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें तैयार होंगी। परियोजना का नेतृत्व करने के लिए 13 नोडल विश्वविद्यालयों को चिह्नित किया गया है।

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