नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के बजट में किसानों के लिए कई नई पहल और योजनाओं की घोषणा की है। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाना, किसानों को बेहतर वित्तीय समर्थन प्रदान करना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण और डीपीआई का कार्यान्वयन
- डिजिटल फसल सर्वेक्षण: वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि चालू वित्त वर्ष में 400 जिलों में खरीफ फसलों के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। यह पहल किसानों और उनकी भूमि के विवरण को एकत्र करने में मदद करेगी, जिससे कृषि क्षेत्र की वास्तविक स्थिति को समझा जा सके।
- किसान और भूमि रजिस्ट्री: इस पहल के तहत, छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री के तहत लाया जाएगा। इससे कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।
- डीपीआई का कार्यान्वयन: अगले तीन वर्षों में, कृषि में डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेटा प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को लागू करने की योजनाएँ बनाई गई हैं। यह कदम कृषि क्षेत्र को डिजिटल युग में ले जाने और उसकी आधुनिकता को बढ़ाने में सहायक होगा।
प्राकृतिक खेती और किसान क्रेडिट कार्ड
- प्राकृतिक खेती: वित्त मंत्री ने अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने की पहल की घोषणा की है। इसके साथ ही, प्रमाणन और ब्रांडिंग जैसे प्रयास भी किए जाएंगे, ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके।
- किसान क्रेडिट कार्ड: पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और उन्हें बेहतर ऋण सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी।
वित्तीय आवंटन और विकास
- कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन: वित्त मंत्री ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की है। यह आवंटन ग्रामीण आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 1.31 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो इस बार की तुलना में कम था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इन योजनाओं से कृषि क्षेत्र में डिजिटल बदलाव, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है। इन पहलों से कृषि क्षेत्र की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।