नई दिल्ली: मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में वायदा और विकल्प सौदों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने की घोषणा के बाद घरेलू शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बजट प्रस्तावों की घोषणा के बाद बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई, लेकिन अंततः बाजार ने कुछ सुधार दिखाया।
बजट में प्रस्तावित मुख्य बदलाव
- वायदा और विकल्प सौदों पर एसटीटी में वृद्धि: वित्त मंत्री ने वायदा और विकल्प सौदों पर एसटीटी को बढ़ाने की घोषणा की।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर में वृद्धि: इक्विटी निवेश पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा गया।
शेयर बाजार में प्रभाव
बजट भाषण के तुरंत बाद, सेंसेक्स ने 1,277.76 अंक या 1.58 प्रतिशत की गिरावट का सामना किया और 79,224.32 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसी प्रकार, निफ्टी ने भी भारी गिरावट देखी। हालांकि, बजट भाषण के समापन के बाद, सेंसेक्स ने धीरे-धीरे अपने नुकसान की भरपाई की और अंततः 73.04 अंक या 0.09 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 80,429.04 अंक पर बंद हुआ।
सकारात्मक संकेत
- एफएमसीजी सेक्टर को प्रोत्साहन: कर रियायतों और सीमा शुल्क में कटौती के चलते टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों और दैनिक उपभोग वाले सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों में वृद्धि हुई, जिससे बाजार में सुधार हुआ।
बजट में एसटीटी बढ़ाने और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर बढ़ाने के प्रस्ताव ने शेयर बाजार में प्रारंभिक गिरावट को जन्म दिया। हालांकि, एफएमसीजी सेक्टर को दिए गए प्रोत्साहनों के कारण बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला।