वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उच्च शिक्षा नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए अनुदान में 60% से अधिक की कटौती की गई है। बजट के अनुसार, यूजीसी के लिए वित्त पोषण को पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 6,409 करोड़ रुपए से घटाकर 2,500 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो 60.99% कम है।
इस कटौती का असर भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) पर भी पड़ा है, जिन्हें लगातार दूसरे वर्ष बजट में कटौती का सामना करना पड़ा है। पिछले साल आईआईएम के बजट को 608.23 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) से घटाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया गया था। इस साल इसे 331 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से घटाकर 212 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के लिए भी बजट में पिछले साल के संशोधित अनुमान से मामूली कमी देखी गई है। पिछले साल का संशोधित अनुमान 10,384.21 करोड़ रुपए था, और चालू वित्त वर्ष के लिए 10,324.50 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
हालांकि, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सहायता अनुदान में 28% से अधिक की वृद्धि की गई है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए बजट को संशोधित अनुमान 12,000.08 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15,472 करोड़ रुपए कर दिया गया है।