उर्फी जावेद, जो अपने अतरंगी फैशन और बेबाक बयानों के कारण इंडस्ट्री में एक जाना-माना चेहरा बन चुकी हैं, इन दिनों अपनी नई वेब सीरीज ‘फॉलो कर लो यार’ के कारण चर्चा में हैं। इस शो में उन्होंने अपने जीवन के कई अनकहे पहलुओं को उजागर किया है। साथ ही, शो में उनकी बहनें उरुसा, अस्फी और डॉली जावेद के साथ उनके रिश्ते की झलक भी देखने को मिली है।
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उर्फी की बहनों ने खुलासा किया कि उनके पिता ने उनके घर में 100 से अधिक कैमरे लगवाए थे ताकि वह अपनी बेटियों पर नजर रख सकें। उर्फी की बहनों ने बताया कि धर्म के नाम पर उन पर कई पाबंदियां लगाई जाती थीं, जिससे वे बचपन से ही काफी दबाव में रहीं।
धर्म के नाम पर लगाई गई पाबंदियां: उरुसा, अस्फी और डॉली ने बताया कि उनके पिता धर्म के नाम पर कई कड़े नियम लागू करते थे, जबकि खुद वे इन नियमों का पालन नहीं करते थे। उनके अनुसार, धर्म वह होना चाहिए जो इंसान को शांति और प्यार दे, न कि डर और दबाव। उन्होंने कहा कि उनके पिता अक्सर उन्हें यह कहकर डराते थे कि अगर वे कुछ खास काम करेंगी, तो वे अच्छे मुसलमान नहीं माने जाएंगे। हालांकि, उनके पिता खुद न रोजे रखते थे और न ही पांच वक्त की नमाज पढ़ते थे, लेकिन बेटियों पर धार्मिक नियमों का पालन करने का दबाव हमेशा बनाते रहते थे।
कैमरों से होती थी निगरानी: उर्फी की बहनों ने यह भी बताया कि उनके पिता ने घर में 100 से अधिक कैमरे लगवा रखे थे, जिनसे वे अपनी बेटियों की हर गतिविधि पर नजर रखते थे। घर के लिविंग एरिया, डाइनिंग एरिया, और यहां तक कि छत पर भी कैमरे लगाए गए थे। इसके अलावा, जहां वे बहनें पढ़ाई करती थीं, वहां लकड़ी के दरवाजे की जगह कांच का दरवाजा लगवा दिया गया था, ताकि उनकी हर हरकत पर नजर रखी जा सके।
मां का साथ: उर्फी जावेद की मां, जाकिया, ने उन्हें नमाज पढ़ना सिखाया और धर्म का सही मतलब समझाया। हालांकि, उनके पिता की कड़ी निगरानी और धर्म के नाम पर लगाए गए नियमों ने उनके बचपन को काफी मुश्किल बना दिया था।
उर्फी जावेद की जिंदगी के इन पहलुओं ने उनके संघर्ष और आज की स्वतंत्र सोच को गहराई से प्रभावित किया है।