रांची: झारखंड (Jharkhand) में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं। इस बीच, राज्य की राजनीति में चर्चा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बीजेपी का हाथ थाम सकते हैं। हालांकि, इस मामले पर अब तक चंपई सोरेन की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं।
सूत्रों के अनुसार, चंपई सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से दो बार मुलाकात हो चुकी है, और गृह मंत्री अमित शाह से जल्द ही मिलने की चर्चा भी है। हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा के बहरगोड़ा विधायक समीर मोहंती ने अमित शाह से मिलने की खबर को अफवाह बताया है और इसे भाजपा की साजिश करार दिया है।
बीजेपी की ओर से चंपई सोरेन की सराहना हुई
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि चंपई सोरेन ने एक अच्छे मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की सेवा की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सब कुछ केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करता है। वह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और झारखंड के लोग उनके काम से संतुष्ट थे। लेकिन जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, वह निराशाजनक था।
अगर चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ी तो JMM को होगा बड़ा नुकसान
चंपई सोरेन का संबंध झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से है, जहां उन्हें ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है। कोल्हान क्षेत्र में विधानसभा की 14 और लोकसभा की 2 सीटें आती हैं। यदि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह सत्तारूढ़ JMM के लिए विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा झटका हो सकता है।