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ईरान की सड़कों पर बिना हिजाब जाती दिखीं महिलाएं

Published on September 15, 2024 by Vivek Kumar

ईरान में महसा अमीनी की मौत और उसके बाद हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों की दूसरी बरसी से पहले शहरों में महिलाओं को बिना हिजाब पहने सड़कों पर निकलते देखना आम बात हो गई है। हालांकि इस बढ़ते चलन के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है और न ही इसके बारे में कोई अध्ययन हुआ है। सोशल मीडिया पर सामने आ रहीं वीडियो में महिलाओं और लड़कियों विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद बाल खोलकर आते-जाते हुए देखा जा सकता है। देश के नए सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने चुनाव प्रचार के दौरान, धर्माचार पुलिस द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने का वादा किया था। लेकिन देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (85) ने कहा था कि पर्दा हटाने पर धार्मिक और राजनीतिक रूप से पाबंदी है। कुछ धार्मिक मुसलिम महिलाओं के लिए उनके परिवार से बाहर किसी पुरुष के सामने सिर ढकना ईश्वर के समक्ष पवित्रता और विनम्रता का प्रतीक होता है। अमीनी की मौत के बाद देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद कई महीनों तक चली सुरक्षा कार्रवाई में 500 से अधिक लोग मारे गए और 22,000 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए। आज, तेहरान के उत्तरी उपनगर में अमीर व्यक्तियों की कालोनियां हों या फिर दक्षिणी इलाकों में श्रमिकों के मोहल्ले हों, महिलाओं को सड़कों पर बिना हिजाब पहने निकलते देखा जा सकता है। यह विशेष रूप से शाम के समय शुरू होता है, हालांकि सप्ताह के अंतिम दिनों में सूर्यास्त से पहले भी महिलाओं को प्रमुख पार्कों में बाल खोले देखा जा सकता है। तेहरान शरीफ विश्वविद्यालय की छात्रा अजादेह (25) ने कहा, 'महसा अमीनी के कारण मुझमें हिजाब न पहनने का साहस आया है और हमें इसे एक उपलब्धि के रूप में संरक्षित करना होगा।'

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