अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि दक्षिण अफ्रीका को अगले साल मियामी में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी घोषणा कर दी कि अमेरिका की ओर से दक्षिण अफ्रीका को मिलने वाली सारी सरकारी सहायता, भुगतान और सब्सिडी तुरंत रोक दी जाएंगी।
श्वेत किसानों के मुद्दे पर ट्रंप लगातार हमलावर
असल में, ट्रंप लंबे समय से दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले श्वेत किसानों—अफ्रीकानर समुदाय—के साथ हिंसा और उत्पीड़न के आरोप उठाते रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुए G20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार भी किया था। दक्षिण अफ्रीका लगातार कहता रहा है कि ये आरोप “बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित” हैं।
अमेरिकी प्रतिनिधि के साथ बदसलूकी का आरोप
ट्रंप ने अपने बयान में दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका ने हालिया G20 के दौरान अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि के साथ “असम्मानजनक व्यवहार” किया। ट्रंप के मुताबिक, सम्मेलन खत्म होने पर दक्षिण अफ्रीका ने औपचारिक मेजबानी जिम्मेदारी अमेरिकी प्रतिनिधि को सौंपने से मना कर दिया, जो उन्हें बिल्कुल स्वीकार नहीं था।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा—
“दक्षिण अफ्रीका ने खुद साबित कर दिया है कि वह वैश्विक मंच की सदस्यता के योग्य नहीं है।”
मदद रोकने का निर्देश भी हुआ लागू
ट्रंप ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सभी फंडिंग तुरंत रोक दी जाए। इसमें सब्सिडी, विभिन्न विकास कार्यक्रमों के भुगतान और एक्टिव फंडिंग शामिल है। ट्रंप के अनुसार, “हम ऐसे देश को एक भी डॉलर नहीं देंगे जो हमारे प्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करता।”
रामफोसा की नाराजगी, कहा—‘दुर्भाग्यपूर्ण कदम’
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “दुर्भाग्यपूर्ण, अनुचित और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए नुकसानदायक” बताया। साथ ही कहा कि इस तरह के निर्णय वैश्विक सहयोग और भरोसे को कमज़ोर करते हैं।