बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनावी प्रचार रविवार शाम 5 बजे थम गया। अब राज्य की जनता 11 नवंबर यानी सोमवार को वोट डालकर तय करेगी कि सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी। इस चरण में 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, जिसमें लगभग 2.3 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
बिहार के वे जिले जहां वोटिंग होगी
दूसरे चरण में बिहार के 17 जिलों की सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें पटना, नालंदा, गया, भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिले शामिल हैं। यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से बहुत अहम माना जाता है क्योंकि यहां के नतीजे अक्सर सरकार की दिशा तय करते हैं।
प्रमुख उम्मीदवार और मुकाबले
इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है।
तेजस्वी यादव ने यहां युवा जोश और रोजगार के मुद्दे को केंद्र में रखा।
नीतीश कुमार ने अपने विकास मॉडल और सात निश्चय योजना के दम पर समर्थन मांगा।
चिराग पासवान ने एनडीए और राजद दोनों पर निशाना साधते हुए खुद को युवा नेतृत्व के रूप में पेश किया।
बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों और केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रचार का मुख्य आधार बनाया।
चुनाव आयोग की तैयारियां
चुनाव आयोग ने बताया कि सभी 122 सीटों पर मतदान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
कुल 35 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की 450 से अधिक कंपनियां तैनात की जाएंगी।
हर बूथ पर वेबकास्टिंग और लाइव निगरानी की व्यवस्था रहेगी ताकि निष्पक्ष मतदान हो सके।
प्रचार का आखिरी दिन रहा हाईवोल्टेज
प्रचार के अंतिम दिन नेताओं ने रैलियों, रोड शो और जनसभाओं के जरिए वोटरों को आकर्षित करने की पूरी कोशिश की।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार बदलाव चाहता है और इस बार जनता महागठबंधन को मौका देगी।
नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार में विकास का सिलसिला जारी रहेगा और विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है।
बीजेपी नेताओं ने मोदी सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला और गरीब कल्याण योजना को अपनी बड़ी उपलब्धि बताया।
मतदाताओं की भूमिका अब सबसे अहम
अब चुनावी शोर थम चुका है और बारी है जनता की। विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे चरण का मतदान चुनाव की दिशा तय करेगा क्योंकि इसमें मध्य बिहार और उत्तर बिहार के वे इलाके शामिल हैं जो परंपरागत रूप से दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला देखते हैं।
तीसरे चरण की तैयारी
दूसरे चरण के बाद अब सभी की निगाहें तीसरे और अंतिम चरण पर होंगी जो 19 नवंबर को होगा। लेकिन उससे पहले 11 नवंबर को होने वाला मतदान यह संकेत देगा कि इस बार जनता का झुकाव किस ओर है — महागठबंधन यानी राजद, कांग्रेस और लेफ्ट के गठजोड़ की तरफ या एनडीए यानी भाजपा, जदयू और हम की ओर।