धनशोधन के मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीसीटीवी लगाने से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इस मामले में उन आरोप है कि इसके लिए उन्होंने संबंधित कंपनी से सात करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी। राज निवास के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सत्येंद्र जैन ने दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने में देरी के लिए एक कंपनी पर लगाए गए 16 करोड़ रुपए के जुर्माने को माफ कर दिया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सतर्कता निदेशालय की सिफारिश पर सहमति जताई है कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाए, ताकि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा जैन के खिलाफ जांच की अंतिम मंजूरी मिल सके। राज निवास के अधिकारियों का कहना है कि सत्येंद्र जैन जब दिल्ली सरकार में पीडब्लूडी मंत्री थे, उसी दौरान राजधानी में 571 करोड़ रुपए की लागत से 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना शुरू की गई थी। सत्येंद्र इस परियोजना के नोडल अधिकारी थे। धनशोधन मामले में गिरफ्तारी के कुछ महीने बाद फरवरी, 2023 में सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।