Central government issued order on Kolkata Rape and Murder, all states will have to submit law and order report every 2 hours
Central government issued order on Kolkata Rape and Murder, all states will have to submit law and order report every 2 hours

देशभर में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कानून-व्यवस्था की निगरानी के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद यह आदेश जारी किया गया है।

गृह मंत्रालय ने 17 अगस्त को आदेश जारी किया कि सभी राज्यों को हर दो घंटे पर कानून-व्यवस्था की स्थिति की रिपोर्ट केंद्र को भेजनी होगी। गृह मंत्रालय के कंट्रोल रूम ऑफिसर मोहन चंद्र पंडित ने यह आदेश सभी राज्यों के डीजीपी को भेजा है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पास धरना-प्रदर्शन पर रोक कोलकाता पुलिस ने रविवार (18 अगस्त) से भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी है। यह धारा पहले CRPC की धारा 144 के बराबर है। इसके तहत, मेडिकल कॉलेज के आसपास अगले 7 दिनों के लिए धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है। श्यामपुकुर, उल्टाडांगा और ताला पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में 5 से अधिक लोगों के जुटने, हथियार ले जाने या तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों पर रोक होगी।

कोलकाता पुलिस का यह कदम डॉक्टरों की हड़ताल पर प्रभाव डाल सकता है। 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद से डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की थी। 14 अगस्त की रात को अस्पताल में हजारों की भीड़ घुस गई और तोड़फोड़ की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल सेवाएं प्रभावित देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। IMA के आह्वान पर सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में शनिवार (17 अगस्त) की सुबह 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल जारी है। दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाएं बंद कर दी हैं।

केंद्र ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी बनाने का आश्वासन दिया है। IMA ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हड़ताल समाप्त करने की अपील की है।

हाईकोर्ट ने अस्पताल में तोड़फोड़ पर सवाल उठाए कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त को हुई हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि इतनी बड़ी भीड़ के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने बताया कि हिंसा को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।