पंजाब के लुधियाना जेल में पाकिस्तान का एक बच्चा पिछले एक साल से बंद है। यह बच्चा, मोहम्मद अली, पाकिस्तान के एबटाबाद का रहने वाला है और उसे अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सीमा पार करते हुए पकड़ा था। तब से वह शिमलापुरी स्थित बाल सुधार घर में है।
अली का परिवार और पाकिस्तान सरकार उसकी रिहाई के लिए कई प्रयास कर चुके हैं। पाकिस्तान सरकार ने भारत के गृह मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र भी भेजा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
रावलपिंडी के लिए निकला, भारत कैसे पहुंचा?
दैनिक भास्कर से बातचीत में मोहम्मद अली के पिता, मोहम्मद बनारस, ने बताया कि वह रावलपिंडी में प्रिंटिंग प्रेस का काम करते हैं। 7 अगस्त 2023 को अली एबटाबाद से रावलपिंडी अपने पिता से मिलने के लिए निकला था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा। जब उनके बेटे के लापता होने की खबर मिली, तो उन्होंने एबटाबाद और आसपास के इलाकों में काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका।
लुधियाना जेल से बेटे की कॉल
करीब दो महीने बाद अचानक मोहम्मद अली ने वॉट्सऐप कॉल की, जिससे उसके परिवार को उसके सुरक्षित होने की खबर मिली। हालांकि, यह जानकर परिवार की चिंता बढ़ गई कि अली पाकिस्तान में नहीं, बल्कि भारत की एक जेल में है।
परिवार को भारत सरकार से उम्मीद
मोहम्मद बनारस का कहना है कि उनका घर एबटाबाद से सरहद काफी दूर है, और उन्होंने कभी सरहद का एरिया भी नहीं देखा। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनका बेटा कैसे और क्यों सरहद पार कर गया।
अली के परिवार का कहना है कि वह परिवार का इकलौता बेटा है, और उसके बड़े भाई की पहले ही मौत हो चुकी है। अली की दो बहनें, नबीला और सबा, भी हैं। अली के लापता होने के बाद से परिवार में मातम जैसा माहौल है। उन्हें संदेह है कि उनका बेटा मानव तस्करों के चंगुल में फंस गया होगा, जिससे वह भारत पहुंच गया।
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट की अपील
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हारून तनौली ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान और भारत की सरकारों को विदेश नीति के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन के नियमों का पालन करते हुए अली को रिहा करना चाहिए।
गृह मंत्रालय के संज्ञान में मामला
लुधियाना बाल सुधार घर के अधिकारियों के अनुसार, बच्चे को सुरक्षित रखा गया है और उसकी काउंसलिंग की जा रही है। इस मामले को अब भारत के गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है, और आगे की कार्रवाई के लिए इंतजार किया जा रहा है।