उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को आगाह किया कि साइबर अपराध देश के विकास को पटरी से उतार सकते हैं। उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए संगठनों को साथ मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों को साइबर अपराधों का शिकार बनने से बचाने के लिए उन्हें डेटा की सुरक्षा के बारे में और अधिक शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। एक थिंक टैंक द्वारा साइबर सुरक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि साइबर ठगी के शिकार लोगों तक कानूनी सहायता पहुंचाने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि वे साइबर अपराधियों के हाथों अपना सारा पैसा गंवा चुके हों। देश की अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब हम इस प्रकार के अपराधों, इस प्रकार के आक्रमणों के लिए तैयार नहीं होते हैं, तो अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है।’ साइबर सुरक्षा को रेल पटरी से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि यदि एक भी पटरी खराब हो तो दुर्घटना हो सकती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग ‘गलत तत्वों’ के शिकार बन जाते हैं, ऐसे में यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि लोग साइबर अपराधों से ‘निराश’ न हों। उन्होंने साइबर हमलों से व्यवस्था को यथासंभव अभेद्य बनाने के लिए और अधिक अनुसंधान एवं विकास पर भी जोर दिया।