बिहार में ‘जीवित्पुत्रिका’ त्योहार, जिसे स्थानीय भाषा में जीतिया भी कहा जाता है, के दौरान विभिन्न हादसों में नदियों और तालाबों में 43 लोग डूब गए हैं, जिनमें 37 बच्चे शामिल हैं। तीन अन्य लोग अभी भी लापता हैं। ये घटनाएं बिहार के 15 जिलों में हुई हैं।
त्योहार का महत्व
‘जीवित्पुत्रिका’ त्योहार पर महिलाएं अपने संतानों (बेटे-बेटी) की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और पवित्र स्नान करती हैं। यह त्योहार विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में मनाया जाता है।
आपदा प्रबंधन विभाग की जानकारी
आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) के बयान के अनुसार, “अब तक कुल 43 शव बरामद किए गए हैं और तलाशी अभियान जारी है।”
अनुग्रह राशि की घोषणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और आठ मृतकों के परिवारों को यह राशि पहले ही मिल चुकी है।
प्रभावित जिले
डूबने की घटनाएं पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल जिलों में हुई हैं।