वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, संसद नहीं कर सकती स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST में कटौती

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाली GST (माल एवं सेवा कर) में कटौती नहीं कर सकती और इस संबंध में कोई फैसला GST परिषद द्वारा ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 2017 में GST व्यवस्था लागू होने से पहले राज्यों ने बीमा प्रीमियम पर कर लगाया था। वित्त मंत्री सीतारमण ने उच्च सदन में वित्त विधेयक, 2024 पर हुई चर्चा का जवाब देते यह टिप्पणी की। चर्चा के दौरान विपक्ष के कई सदस्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST में कटौती करने की मांग की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि संसद GST दरें तय करने का मंच नहीं है। इस मामले को GST परिषद में ले जाना जाना होगा, जिसमें राज्यों का दो-तिहाई प्रतिनिधित्व है। आम तौर पर GST परिषद अपने फैसले सर्वसम्मति से करती है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से मिलने वाली राशि का करीब 71 फीसद हिस्सा राज्यों को ही मिलता है। उन्होंने एलटीसीजी ( पूंजीगत लाभ) कर में संशोधन किए जाने का भी जिक्र किया। दीर्घकालिक इसके तहत 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन यानी महंगाई के प्रभाव का लाभ बहाल कर दिया गया है। अब जिन व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) ने 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदा है, वे नई योजना के तहत एलटीसीजी कर का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं। इंडेक्सेशन के बिना उन्हें 12.5 फीसद और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 प्रतिशत कर का भुगतान करने की जरूरत होगी। वे उस विकल्प को चुन सकते हैं, जिसमें कर की दर कम हो।

विपक्षी सदस्यों की मांग पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि संसद GST दरें तय करने का मंच नहीं है। इस मामले को GST परिषद में ले जाना जाना होगा, जिसमें राज्यों का दो-तिहाई प्रतिनिधित्व है।

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