उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधार और उसकी प्रगति से प्रेरित होकर, गुजरात के शिक्षा विभाग का एक छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ आया है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य यूपी के शिक्षा मॉडल को समझना और उसे गुजरात में लागू करने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करना है।
शिक्षा में यूपी के सुधारों की चर्चा
पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत मॉडल तैयार किया है, जिसकी सफलता की गूंज अब अन्य राज्यों तक पहुंच रही है। गुजरात सरकार ने भी इस मॉडल को नजदीक से देखने के लिए अपने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को उत्तर प्रदेश भेजा है। शुक्रवार को इस प्रतिनिधिमंडल ने निपुण भारत मिशन की गहन समीक्षा की और इसे गुजरात में अपनाने के लिए गहरी रुचि दिखाई।
विद्यालयों और प्रशिक्षण केंद्रों का दौरा
अपने दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों, टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर और विद्या समीक्षा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने टीएलएम सामग्री और शिक्षण ऐप्स के उपयोग को बारीकी से देखा और समझा। टीम ने लाइव टीचिंग क्लासेस का भी अवलोकन किया और यहां छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के प्रयासों की सराहना की।
टीचिंग ऐप्स से प्रभावित
बेसिक शिक्षा विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों ने प्रतिनिधिमंडल को यूपी में उपयोग किए जा रहे विभिन्न टीचिंग ऐप्स के बारे में जानकारी दी, जिनमें दीक्षा, निपुण लक्ष्य और गुणवत्ता ऐप्स शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने इन ऐप्स के प्रभाव और उनके उपयोग को लेकर गहरी रुचि दिखाई।
सहयोगात्मक पर्यवेक्षण की सराहना
गुजरात के प्रतिनिधिमंडल ने निपुण भारत मिशन के तहत यूपी में अपनाई जा रही इंटीग्रेटेड एप्रोच की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने टीएलएम सामग्री के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण की प्रक्रिया की सराहना की। इस दौरे में एएसपीडी डॉ. एमएम पटेल, कनवीनर अनिल कुमार उपाध्याय, स्टेट रिसोर्स पर्सन संजय चौधरी, धर्मेश रामानुज, अतुल पंचाल और अभिषेक सिंह चौहान शामिल थे।
इस दौरे के बाद उम्मीद की जा रही है कि गुजरात के शिक्षा विभाग द्वारा यूपी के शिक्षा मॉडल से प्रेरित होकर अपने राज्य में भी महत्वपूर्ण सुधार किए जाएंगे।
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