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परमाणु हथियारों के मामले में भारत ने पाकिस्तान को पछाड़ा, SIPRI की रिपोर्ट

Published on June 18, 2024 by Vivek Kumar

स्वीडिश थिंक टैंक SIPRI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत परमाणु हथियारों के मामले में पाकिस्तान से आगे निकल गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भारत के पास 172 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हो गए हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 वॉरहेड्स मौजूद हैं। खास बात यह है कि भारत के नए परमाणु हथियार लंबी दूरी के हैं और ये चीन को भी निशाना बना सकते हैं।

भारत और पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों में वृद्धि

SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे। इसी दौरान, अमेरिका और रूस समेत 9 देशों ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को आधुनिक बनाने पर जोर दिया है और कई नए परमाणु हथियार तैनात किए हैं। 2023 में भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने न्यूक्लियर डिलीवरी सिस्टम को जारी रखा। भारत, पाकिस्तान से मुकाबले के साथ-साथ लंबी दूरी तक हमले में सक्षम हथियारों पर भी ध्यान दे रहा है, जो पूरे चीन को कवर कर सकते हैं।

वैश्विक परमाणु हथियारों की स्थिति

SIPRI ने बताया कि पिछले एक साल में चीन के न्यूक्लियर वॉरहेड्स की संख्या 410 से बढ़कर 500 हो गई है और इसमें आगे भी वृद्धि का अनुमान है। दुनिया भर में वर्तमान में 3904 परमाणु हथियार तैनात हैं, जिनमें से 2100 हाई अलर्ट पर हैं। इनमें से ज्यादातर हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं, लेकिन पहली बार चीन ने भी अपने कुछ परमाणु हथियारों को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा है। दुनिया में कुल परमाणु हथियारों की संख्या अब 12,121 हो गई है।

अमेरिका और रूस के पास 90% परमाणु हथियार

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 90% परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इसमें ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है। भारत, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया भी अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों पर परमाणु वॉरहेड तैनात करने की तैयारी कर रहे हैं। SIPRI के सीनियर फेलो हैन्स क्रिसटेंनसन के अनुसार, इस समय चीन अपने एटमी हथियारों का जखीरा सबसे तेजी से बढ़ा रहा है।

यूक्रेन जंग के बाद कम हुई पारदर्शिता

SIPRI का कहना है कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से परमाणु हथियारों की जानकारी देने में पारदर्शिता कम हुई है। 2021 में UNSC के सदस्य देशों ने परमाणु हथियारों को कम करने का वादा किया था, लेकिन अब इन्हें हाई-अलर्ट पर रखा गया है। उनका कहना था कि परमाणु जंग कभी नहीं जीती जा सकती और इन हथियारों का कभी उपयोग नहीं होना चाहिए।

रूस-अमेरिका का न्यू स्टार्ट ट्रीटी समझौता रद्द

परमाणु हथियारों की रेस को रोकने के लिए रूस और अमेरिका ने न्यू स्टार्ट ट्रीटी समझौता किया था। लेकिन यूक्रेन जंग के एक साल पूरा होने पर रूस ने इस समझौते को रद्द कर दिया। न्यू START ट्रीटी के तहत दोनों देश एक-दूसरे के साथ अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण की जानकारी साझा करते थे। रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका इस जानकारी का गलत उपयोग कर रहा है।

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