
ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने एक अप्रकाशित भाषण में दावा किया है कि अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि उन्होंने Saint Martin Island को अमेरिका को सौंपने से इनकार कर दिया था। यह खुलासा उनके उस भाषण के अंशों से हुआ है, जिसे उन्होंने पद छोड़ने से पहले देश को संबोधित करते हुए देना चाहा था, लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
Saint Martin Island पर अमेरिका की नजर
शेख हसीना ने दावा किया कि अमेरिका Saint Martin Island पर एक सैन्य अड्डा बनाना चाहता था, और यदि उन्होंने यह आइलैंड अमेरिका को दे दिया होता, तो उनकी सरकार बच सकती थी। उन्होंने कहा कि उनके विपक्षी दल, बीएनपी, ने इस आइलैंड को अमेरिका को बेचने की योजना बनाई थी ताकि उन्हें चुनावों में सहायता मिल सके।
Saint Martin Island, जो बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है, बांग्लादेश का एकमात्र प्रवाल द्वीप है। इसका क्षेत्रफल केवल तीन वर्ग किलोमीटर है और यहां लगभग 3,700 लोग निवास करते हैं। यह द्वीप मछली पकड़ने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व भी है।
Saint Martin Island का एक समृद्ध इतिहास है, जो 18वीं सदी तक फैला हुआ है। यह द्वीप एक समय में ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया। 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के बाद यह द्वीप बांग्लादेश का हिस्सा बन गया। 2012 में, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण (ITLOS) ने बांग्लादेश की संप्रभुता को इस द्वीप पर मान्यता दी।
2017 में म्यांमार में हिंसा के बाद लाखों रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में आ गए, जिनमें से कई कॉक्स बाजार के निकट स्थित शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। इस क्षेत्र में स्थित होने के कारण, Saint Martin Island पर भी तनाव बढ़ गया है और बांग्लादेश की नौसेना को वहां तैनात करना पड़ा है।
शेख हसीना के आरोपों पर अमेरिकी विदेश विभाग ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “हमने Saint Martin Island पर किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं की है। हम बांग्लादेश की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब चीन और अमेरिका के बीच दक्षिण एशिया में प्रभाव को लेकर टकराव जारी है। Saint Martin Island पर अमेरिका की संभावित रुचि इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।