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राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत की जांच CBI को सौंपी

Published on August 3, 2024 by Vivek Kumar

[caption id="attachment_8795" align="alignnone" width="1920"]Investigation of the death of three students in Rajendra Nagar coaching center handed over to CBI Investigation of the death of three students in Rajendra Nagar coaching center handed over to CBI[/caption] दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की डूबने से हुई मौत के मामले की जांच शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से CBI को सौंप दी। उच्च न्यायालय ने यह कदम उठाते हुए कहा कि CBI द्वारा की जाने वाली जांच से जनता को संदेह नहीं होगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले की जांच की निगरानी के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने को कहा। अदालत ने टिप्पणी की, "घटना की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए और जनता को जांच के संबंध में कोई संदेह न हो, यह अदालत मामले की जांच CBI को सौंपती है।" अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा एक वाहन चालक को गिरफ्तार किए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा, "गनीमत है कि आपने बेसमेंट में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा।" वाहन चालक मनुज कथूरिया पर आरोप था कि वह 27 जुलाई को अपने वाहन के साथ जलमग्न सड़क से गुजरे थे, जिससे पानी तीन मंजिला इमारत के गेट से टकराया और बेसमेंट में पानी भर गया, जिसमें तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई। अदालत ने छात्रों की मौत पर पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या दरवाजे अवरुद्ध थे या सीढ़ियां संकरी थीं, जिससे छात्र बाहर नहीं निकल सके। पीठ ने कहा कि दिल्ली में कई प्राधिकारी अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालते रहते हैं और नगर निगम के अधिकारी अक्षम माने जाते हैं। एमसीडी आयुक्त ने बताया कि इलाके में बरसाती नालों से पानी की निकासी ठीक से नहीं हो रही थी, जिस पर अदालत ने सवाल उठाया कि अधिकारियों ने एमसीडी प्रमुख को पहले क्यों नहीं बताया। पीठ ने राजेंद्र नगर क्षेत्र में अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण को हटाने का भी आदेश दिया, जिसमें बरसाती नालों और सीवेज नालों पर किया गया अतिक्रमण भी शामिल है। अदालत ने कहा कि दिल्ली की आबादी बढ़ने के साथ ही शहर को एक मजबूत व्यवस्था की जरूरत है और विभिन्न सबसिडी योजनाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पलायन भी बढ़ रहा है। पीठ ने कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय और भौतिक बुनियादी ढांचे पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है। इस मुद्दे से निपटने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस बीच, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने राजेंद्र नगर में स्थित कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के विरोध में अपना प्रदर्शन शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रखा। कई छात्र विरोध स्थल पर पढ़ाई करते देखे गए। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे गौतम ने कहा, "हम अपना विरोध जारी रखेंगे, लेकिन हमारे लिए पढ़ाई भी महत्वपूर्ण है। इसलिए विरोध स्थल पर बैठे लोग अपनी अध्ययन सामग्री लेकर आए हैं।"

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