दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस से भिड़ी मालगाड़ी, 15 की मौत: 60 घायल, रेलवे ने कहा- मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल की अनदेखी की

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह 8:55 बजे एक भीषण रेल हादसा हुआ। रंगापानी और निजबाड़ी के बीच, एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से टक्कर मार दी। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन और CEO जय वर्मा ने 5 लोगों की मौत और 25 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, ईस्टर्न रेलवे के CPRO कौशिक मित्रा ने नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के हवाले से बताया कि इस हादसे में 2 लोको पायलट और एक गार्ड समेत 8 लोगों की मौत हुई है।

हादसे का कारण और विवरण

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन के मुताबिक, मालगाड़ी के लोको पायलट ने सिग्नल को ओवरशूट कर दिया, जिसके कारण यह हादसा हुआ। इस टक्कर के चलते कंचनजंगा एक्सप्रेस का गार्ड का डिब्बा और जनरल डिब्बा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। आर्मी और NDRF की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है और रेल रूट की बहाली का काम शुरू हो चुका है।

घटना के समय की स्थिति

सूत्रों ने बताया कि हादसे के समय कंचनजंगा एक्सप्रेस के अंतिम हिस्से में दो पार्सल और एक SLR कोच थे, जिसमें कोई पैसेंजर नहीं था। कुल मिलाकर ट्रेन के 5 डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं। 12:40 बजे एक स्पेशल ट्रेन सियालदह के लिए रवाना हो चुकी है, जिसमें अधिकतर यात्री मालदा और बोलपुर के हैं। सिंगल लाइन पर ट्रेन सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया है।

सिग्नलिंग सिस्टम की खामी

रेलवे के एक सूत्र ने बताया कि पश्चिम बंगाल में रानीपात्रा रेलवे स्टेशन और छत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह 5:50 बजे से ही खराब था। कंचनजंगा एक्सप्रेस सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई और सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी के कारण रानीपात्रा रेलवे स्टेशन और छत्तर हाट के बीच रुकी रही। रानीपात्रा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को टीए 912 रिटन अथॉरिटी जारी किया था, जिससे ट्रेन ने सभी रेड सिग्नल पार किए।

जांच की आवश्यकता

सूत्रों के मुताबिक, जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या मालगाड़ी को भी टीए 912 जारी किया गया था या यह लोको पायलट की गलती थी, जिसने सिग्नल की अनदेखी की। रेलवे के नियमों के अनुसार, यदि सिग्नल खराब होता है, तो ड्राइवर को हर डिफेक्टिव सिग्नल पर एक मिनट के लिए ट्रेन को रोकना चाहिए और ट्रेन की स्पीड भी 10 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए थी।

आगे की कार्यवाही

हादसे के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस फिलहाल अलुआबारी स्टेशन पर है। फिटनेस टेस्ट के बाद इसे सियालदह के लिए रवाना किया जाएगा। सभी यात्रियों को 12:40 बजे एक स्पेशल ट्रेन से सियालदह के लिए रवाना किया जा चुका है।

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि हादसे वाले रूट पर कवच सिस्टम नहीं था। इस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। रेलवे ने अब तक 1500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम एक्टिव किया है, और इस साल के अंत तक इसे 3000 किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

दार्जिलिंग जिले में एक दुखद रेल हादसा
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन सियालदाह जा रही थी
ट्रेन को मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी
ट्रेन को मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी

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