रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली ‘कवच’ अगले साल मार्च तक 3000 किलोमीटर लंबे मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर शुरू हो जाएगी। वैष्णव ने बताया कि कवच के उन्नत संस्करण 4.0 को अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन ने 17 जुलाई को मंजूरी दी थी और अब जल्द ही बड़े पैमाने पर इसे लागू किया जाएगा।
कवच 4.0 की विशेषताएं
- भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल: कवच 4.0 सभी प्रकार की भौगोलिक परिस्थितियों जैसे पहाड़ी इलाकों, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में काम करने में सक्षम होगा।
- संचार चुनौतियों का समाधान: यह प्रणाली विभिन्न संचार चुनौतियों से निपटने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करेगी, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा में सुधार होगा।
- एकरूपता: नवीनतम संस्करण को उन सभी स्थानों पर एक साथ उन्नत किया जाएगा, जहां ‘कवच’ का पिछला संस्करण स्थापित किया गया था, जिससे प्रणाली में एकरूपता आएगी।
कवच की स्थापना का विस्तार
- 10,000 इंजनों पर कवच: रेल मंत्रालय ने अगले दो वर्षों में 10,000 इंजनों पर कवच लगाने को मंजूरी दी है। इसके बाद, शेष 10,000 इंजनों पर चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाएगा।
- निविदाएं: मंत्रालय ने 3300 किलोमीटर लंबे मुंबई-चेन्नई और चेन्नई-कोलकाता मार्ग के साथ-साथ लगभग 5000 किलोमीटर लंबे सभी स्वचालित सिग्नल खंडों के लिए निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
स्थापना क्षमता में वृद्धि
वैष्णव ने कहा कि जब स्थापना कार्य शुरू किया गया था, तो वार्षिक क्षमता 1,000 किमी थी और आज इसे एक वर्ष में 4,000 किमी तक बढ़ा दिया गया है। यह प्रणाली में तेजी से वृद्धि और सुधार का संकेत है।
मार्च 2025 तक ‘कवच’ प्रणाली के लागू होने से मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ट्रेन यात्राओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह प्रणाली न केवल भौगोलिक चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी बल्कि विभिन्न संचार समस्याओं का भी समाधान करेगी। ‘कवच’ 4.0 का उन्नत संस्करण रेल सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।