कोलकाता, 14 सितंबर: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के एसएचओ अभिजीत मंडल को सीबीआई ने आज गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस की जांच को कमजोर करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की।
संदीप घोष, जो पहले से ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई की न्यायिक हिरासत में थे, अब इस गंभीर अपराध में भी फंस गए हैं। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि घोष ने ट्रेनी डॉक्टर के शव मिलने के अगले दिन ही सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का आदेश दिया था।
इस आदेश के बाद कॉलेज में छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण रेनोवेशन का काम रोक दिया गया। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, घोष ने 10 अगस्त को स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को एक पत्र लिखकर रेनोवेशन के लिए अनुमति मांगी थी, जिसमें उनके हस्ताक्षर थे।
संदीप घोष के खिलाफ पहले से ही वित्तीय भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज थे। सीबीआई ने पाया कि घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया था, लेकिन अस्पताल में इंटरव्यू पैनल का कोई गठन नहीं था। उन्होंने कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्ति नहीं दी और टेंडर प्रक्रिया में भी अनियमितताएँ कीं।
अभिजीत मंडल, जो ताला पुलिस स्टेशन में एसएचओ के पद पर तैनात थे, को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है।
सीबीआई की जांच से जुड़े इन खुलासों ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के लाइव-स्ट्रीमिंग के अनुरोध को खारिज कर दिया है, यह कहते हुए कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
इस मामले की जांच जारी है और यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में और कौन से नए तथ्य सामने आते हैं।