https://hindi.news18.com/news/west-bengal/rg-kar-hospital-murder-case-why-bengal-cm-mamata-banerjee-going-to-lead-march-on-kolkata-doctor-murder-case-8604606.html

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी है। दिल्ली रेप केस की पीड़ित निर्भया की मां ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ममता बनर्जी पर कहा कि वे इस गंभीर मामले में दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बजाय मुद्दे से ध्यान भटका रही हैं। दिल्ली केस की निर्भया की मां ने ममता से इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि ममता को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

IMA की 5 प्रमुख मांगें:

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून: IMA ने मांग की है कि डॉक्टरों पर हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाया जाए। इसमें 2019 के प्रस्तावित हॉस्पिटल प्रोटेक्शन बिल के साथ-साथ एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में 2023 में किए गए संशोधनों को शामिल किया जाए।

सुरक्षा प्रोटोकॉल: अस्पतालों में एयरपोर्ट की तरह सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाएं। अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाए और CCTV और सुरक्षा गार्ड्स के प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।

डॉक्टरों के लिए रेस्टिंग एरिया: कोलकाता के रेप-मर्डर केस की पीड़ित डॉक्टर 36 घंटे की ड्यूटी पर थीं और आराम के लिए कोई जगह नहीं थी। अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए आराम करने की जगह बनाई जाए।

समय सीमा में जांच और सजा: रेप-मर्डर केस की एक तय समय सीमा में प्रोफेशनल जांच की जाए और आरोपियों को कड़ी सजा मिले।

मुआवजा: पीड़ित के परिवार को सम्मानजनक मुआवजा मिले।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के खुलासे:

अबनॉर्मल सेक्सुअलिटी और जेनाइटल टॉर्चर: ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया है, जो अबनॉर्मल सेक्सुअलिटी और जेनाइटल टॉर्चर के कारण हुआ।

नाक-मुंह और गले को दबाना: चिल्लाने से रोकने के लिए पीड़िता के नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया गया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया।

सिर को दीवार से सटाना: सिर को दीवार से सटा दिया गया जिससे चिल्लाने की आवाज न सुनाई दे सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं।

चश्मे के शीशे की चोटें: हमले के दौरान चश्मे के शीशे के टुकड़े पीड़िता की आंखों में घुस गए। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।

नाखूनों के खरोंच के निशान: पीड़िता के चेहरे पर आरोपी के नाखूनों से बने खरोंच के निशान मिले, जो यह दर्शाते हैं कि उसने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया।

कोलकाता रेप-मर्डर केस की टाइमलाइन:

9 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या। उसकी अर्धनग्न बॉडी सेमिनार हॉल में मिली। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था और गर्दन की हड्डी भी टूटी थी। पुलिस ने केस दर्ज किया और देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हुई।

10 अगस्त: CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी संजय को गिरफ्तार किया गया। उसने रेप और हत्या की बात कबूल की। डॉक्टरों ने मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए कानून बनाने और घटना की CBI जांच की मांग की।

12 अगस्त: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया। उनकी नियुक्ति दूसरे कॉलेज में की गई। कलकत्ता हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई।

13 अगस्त: कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस CBI को सौंपा और कहा कि पुलिस ने 5 दिन में कुछ नहीं किया, जिससे सबूत मिटाए जा सकते हैं। FORDA ने हड़ताल समाप्त की।

14 अगस्त: CBI को केस सौंपा गया। रात को करीब 1 हजार लोगों की भीड़ आरजी कर अस्पताल पहुंची और हिंसा तथा तोड़फोड़ की। 15 पुलिसकर्मी घायल हुए और 12 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया।

15 अगस्त: हिंसा के बाद देशभर में हड़ताल और प्रदर्शन तेज हुए। FORDA ने हड़ताल फिर से शुरू की। IMA ने 17 अगस्त को देशभर के डॉक्टरों की हड़ताल की घोषणा की।

16 अगस्त: CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को हिरासत में लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की और रैली निकाली। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अस्पताल में हिंसा के लिए पुलिस को फटकार लगाई।

17 अगस्त: IMA के कहने पर देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की। केवल ICU और इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गईं।

सीबीआई की कार्रवाई:

सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। इस टेस्ट के लिए एक मनोवैज्ञानिक और व्यवहार विश्लेषक की टीम दिल्ली से कोलकाता पहुंच चुकी है। इस परीक्षण का उद्देश्य आरोपी के मानसिक स्थिति और संभावित खतरे को समझना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि एक कमेटी बनाई जाएगी, जो डॉक्टरों की सुरक्षा और अन्य समस्याओं पर विचार करेगी। इसके अलावा, राज्य सरकारों से भी सुरक्षा उपायों पर सुझाव मांगे जाएंगे। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्यवाही की जाएगी।

पश्चिम बंगाल सरकार की घोषणाएं:

पश्चिम बंगाल सरकार ने महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं:

रात्रिर साथी प्रोजेक्ट: अस्पतालों में रात के समय काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए एक साथी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि महिलाएं अकेली ड्यूटी पर न रहें।

पुलिस तैनाती: मेडिकल कॉलेजों में पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाएगी और महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी बढ़ाई जाएगी।

काम के घंटे: महिला डॉक्टरों और नर्सों को 12 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं होगी, और उनकी नाइट ड्यूटी कम की जाएगी।

महिला सुविधाएं: अस्पतालों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय और रेस्ट रूम बनाए जाएंगे। इसके अलावा, एक आपातकालीन हेल्पलाइन (100/112) भी शुरू की जाएगी और सुरक्षा जांच अनिवार्य होगी।

देशभर में हड़ताल का प्रभाव:

डॉक्टरों की हड़ताल का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है:

राजस्थान: जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एमडीएम हॉस्पिटल, एम्स, महात्मा गांधी हॉस्पिटल और उम्मेद हॉस्पिटल में लगभग 200 ऑपरेशन टाले गए हैं। सीनियर डॉक्टरों को इमरजेंसी सेवाओं की जिम्मेदारी दी गई है।

मध्य प्रदेश: भोपाल में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है, जिससे राज्यभर में मेडिकल सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा है। OPD और OT सेवाएं ठप हो गई हैं, जबकि सिर्फ इमरजेंसी और ICU सेवाएं चालू हैं।

कर्नाटक: कर्नाटक सरकार ने सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां सस्पेंड कर दी हैं और अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित न हों, इसका ध्यान रखा जा रहा है।

दिल्ली: दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते रोजाना लगभग एक लाख से अधिक मरीजों को इलाज के बिना लौटना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं।

कोलकाता में हिंसा की सुनवाई:

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 14 अगस्त को हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया और फटकार लगाई, यह पूछते हुए कि इतनी बड़ी भीड़ के खिलाफ पुलिस ने क्या कदम उठाए थे। पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंसा को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।

सीबीआई की पूछताछ:

सीबीआई ने पीड़ित परिवार से 16 अगस्त को बातचीत की और कुछ संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। CBI ने कहा कि वे इस मामले में शामिल सभी संभावित लोगों से पूछता की जा रही है।