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कृष्ण जन्माष्टमी: एक नए दृष्टिकोण से समझें भगवान श्री कृष्ण की महिमा

Published on August 26, 2024 by Vivek Kumar

[caption id="attachment_16340" align="alignnone" width="1024"]Krishna Janmashtami Understand the glory of Lord Shri Krishna from a new perspective Krishna Janmashtami Understand the glory of Lord Shri Krishna from a new perspective[/caption] कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह एक गहरे आत्मिक और आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक है। इस अवसर पर हमें भगवान श्री कृष्ण के नाम और उनकी जीवन-शैली का वास्तविक अर्थ समझने की आवश्यकता है।

श्री कृष्ण का नाम और अर्थ

‘कृष्ण’ शब्द का तात्पर्य केवल एक धार्मिक व्यक्ति से नहीं है। इसका वैज्ञानिक और आध्यात्मिक अर्थ है – वह जो आकर्षित करे, 'सेंटर ऑफ ग्रेविटेशन' या ‘केंद्र बिंदु’। श्री कृष्ण उस पावरफुल आकर्षण का प्रतीक हैं, जो हर किसी को अपनी ओर खींचता है। उनकी जैसी आकर्षण शक्ति किसी भी व्यक्ति में होती है, जो आत्मिक और मानसिक स्तर पर गहराई से जुड़ा होता है।

जन्माष्टमी का उद्देश्य

जन्माष्टमी का महत्त्व सिर्फ तात्कालिक धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है। इस दिन को मनाने का सही उद्देश्य है कि हम श्री कृष्ण के जीवन से कुछ मूल्यवान पाठ सीखें। उनकी शाश्वत शिक्षाएँ और उनके जीवन का असाधारण व्यक्तित्व हमें सिखाता है कि किस प्रकार हमें जीवन की विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना चाहिए।

वर्तमान समय में कृष्ण की प्रासंगिकता

आज के युग में, जहाँ हिंसा और अराजकता बढ़ रही है, श्री कृष्ण के जीवन का प्रेम और करुणा का संदेश अत्यधिक प्रासंगिक है। श्री कृष्ण ने हमें सिखाया कि प्रेम और सद्भावना के साथ जीवन जीना ही सही मार्ग है। उन्होंने हिंसा और द्वेष को दूर करने का रास्ता दिखाया और प्रेम और समझदारी के माध्यम से समाज को जोड़ने की प्रेरणा दी।

ओशो की दृष्टि

ओशो के अनुसार, श्री कृष्ण का व्यक्तित्व और उनकी शिक्षाएँ आधुनिक युग की मानसिकता के अनुरूप हैं। उन्होंने कभी भी दमन और भाग्य से भागने की बजाय जीवन के हर पहलू को पूरी तरह से अपनाया। श्री कृष्ण का जीवन एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत करता है, जिसमें प्रेम, करुणा, और युद्ध के साथ-साथ जीवन की समग्रता को स्वीकार किया गया है। इस जन्माष्टमी पर, हमें केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों तक सीमित रहकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए। हमें श्री कृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं को गहराई से समझकर, अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए। उनके संदेश और उनके जीवन का उदाहरण हमें सिखाता है कि सच्चा धर्म और आध्यात्मिकता तब पूर्ण होती है जब हम अपने जीवन को संपूर्णता और प्रेम के साथ जीते हैं। यह आलेख आपके पाठकों को श्री कृष्ण के जीवन और जन्माष्टमी के वास्तविक उद्देश्य को समझने में मदद करेगा, और उन्हें एक नई दृष्टि प्रदान करेगा।

Categories: Krishna Janmashtami 2024