बसपा की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को करीब डेढ़ माह बाद अपना फैसला पलटते हुए रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक का दायित्व सौंपते हुए उन्हें फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसके पहले लोकसभा चुनाव के बीच में ही सात मई को उन्होंने आकाश आनंद को अपरिपक्वकरार देते हुए इन दायित्वों से मुक्त कर दिया था।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की, जिसमें केंद्रीय पदाधिकारियों के अलावा राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद पहली बार आयोजित इस बैठक में अनेक मुद्दों पर गहन समीक्षा की गई। बैठक के बाद पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को पूरी परिपक्वता के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए फिर से मौका दिया है। यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे। अर्थात वे पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के साथ-साथ मेरे एकमात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे।
इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान सात मई की शाम को मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और उन्हें हटाने का आश्चर्यजनक फैसला उस वक्त लिया गया था जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया। बसपा प्रमुख ने सात मई की रात एक्स पर अपने एक संदेश में कहा था कि बसपा एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी आंदोलन है, जिसके लिए कांशीराम जी व खुद मैंने भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है।