दक्षिण कोरिया में विमान हादसा

दक्षिण कोरिया में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना, जिसमें 179 लोग मारे गए, ने विमानन सुरक्षा के कई गंभीर सवाल उठाए हैं, खासकर रनवे के पास बनी कंक्रीट की दीवार के कारण। इस दीवार को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह दीवार नहीं होती, तो विमान की दुर्घटना का परिणाम अलग हो सकता था। आइए, हम इस घटना के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से नजर डालें

घटना का विवरण:

यह विमान दुर्घटना 29 दिसंबर 2024 को दक्षिण कोरिया के मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई। जेजू एयर का विमान रनवे से उतरने के बाद कंक्रीट की दीवार से टकरा गया, जिससे विमान में आग लग गई और सभी 179 लोग मारे गए।

विमान के क्रैश होने की फुटेज में यह साफ दिखाई दिया कि विमान रनवे से बाहर निकलने के बाद दीवार से टकराता है। इस दीवार की स्थिति पर कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है, क्योंकि आमतौर पर रनवे के अंत के पास ऐसी दीवारें नहीं होतीं।

कंक्रीट की दीवार का महत्व:

दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय के अनुसार, अन्य कुछ हवाई अड्डों और विदेशी हवाई अड्डों पर भी कंक्रीट संरचनाएं लगाई जाती हैं। इन संरचनाओं में नेविगेशन सिस्टम होते हैं जो विमान की लैंडिंग को मार्गदर्शन देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रनवे के अंत में बनी यह कंक्रीट की दीवार एक असामान्य संरचना है।

विशेषज्ञों की राय:

  1. डेविड लियरमाउंट (विमानन विशेषज्ञ): डेविड लियरमाउंट ने कहा कि अगर रनवे के अंत में यह दीवार नहीं होती, तो विमान शायद रनवे के अंत तक रुक जाता और उसमें सवार अधिकांश लोग जीवित बच सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि विमान की लैंडिंग ‘फ्लैपलेस/गियरलेस’ थी, जिसका मतलब है कि विमान ने पंखों को समतल करके लैंडिंग की थी, जो सामान्य रूप से सुरक्षित होता है।
  2. क्रिश्चियन बेकर्ट (लुफ्थांसा एयरलाइन के पायलट): क्रिश्चियन बेकर्ट ने इस दीवार को ‘असामान्य’ बताया और कहा कि आमतौर पर हवाई अड्डों पर रनवे के अंत में कोई ऐसी दीवार नहीं होती। उनके मुताबिक, रनवे के अंत में ऐसी संरचनाएं दुर्घटनाओं को और बढ़ा सकती हैं।
  3. क्रिस किंग्सवुड (48 वर्षों का अनुभव रखने वाले पायलट): क्रिस किंग्सवुड ने कहा कि रनवे पर लैंडिंग के बाद किसी विमान के रनवे से बाहर निकलने पर, बाधाओं को ‘कमज़ोर’ होना चाहिए ताकि विमान उनसे टकराकर नुकसान न उठाए। उनका मानना था कि इस दीवार के कारण विमान को नुकसान हुआ और यदि दीवार नहीं होती, तो विमान रुक सकता था।

पायलट की भूमिका:

पायलट ने रिपोर्ट किया कि विमान एक पक्षी से टकरा गया था, जिसके बाद उसने लैंडिंग को बदलने की कोशिश की और विपरीत दिशा से उतरने की अनुमति मांगी। हालांकि, विमान रनवे के 2,800 मीटर की दूरी में कुछ देर तक नीचे आया और ऐसा प्रतीत हुआ कि उसने लैंडिंग गियर का उपयोग किए बिना ही लैंडिंग की। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी लैंडिंग एक संकटपूर्ण स्थिति को जन्म देती है, लेकिन मुख्य कारण दीवार थी, न कि लैंडिंग।

विशेषज्ञों की चिंता:

सैली गेथिन (विमानन विश्लेषक) ने यह सवाल उठाया कि क्या पायलट को रनवे के अंत में मौजूद दीवार के बारे में पहले से जानकारी थी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि यह पता चले कि क्या पायलट को कंट्रोल टावर से दूसरी बार रनवे के उपयोग को रोकने का निर्देश दिया गया था, और यह जानकारी ब्लैक बॉक्स से निकल सकती है।

दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय का बयान:

दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय ने इस दुर्घटना के बाद बयान दिया कि देश के अन्य हवाई अड्डों और कुछ विदेशी हवाई अड्डों पर कंक्रीट संरचनाओं के साथ उपकरण लगाए गए हैं, लेकिन अब यह जांच की जाएगी कि क्या इन कंक्रीट दीवारों को अधिक ‘कमज़ोर’ बनाया जा सकता था ताकि ये आसानी से टूट जाएं।

सुरक्षा उपायों पर विचार:

विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि रनवे पर किसी भी प्रकार की बाधाएं जोखिम पैदा कर सकती हैं और इन बाधाओं को कमज़ोर किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि यदि विमान ऐसी बाधाओं से टकराता है, तो ये बाधाएं टूट जाएं और विमान को नुकसान न हो। इस घटना के बाद इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या हवाई अड्डों पर ऐसी संरचनाएं सुरक्षित हैं और क्या इन्हें पुनः डिज़ाइन करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष:

यह दुर्घटना दक्षिण कोरिया में विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करती है, विशेषकर रनवे के अंत में कंक्रीट की दीवार जैसी संरचनाओं के बारे में। विशेषज्ञों का मानना है कि इन संरचनाओं को ‘कमज़ोर’ बनाने की आवश्यकता है ताकि किसी दुर्घटना के दौरान विमान को कम से कम नुकसान हो। इस घटना के बाद, कई विशेषज्ञ यह भी सलाह दे रहे हैं कि पायलटों को रनवे के अंत में ऐसी संरचनाओं के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी लैंडिंग रणनीति को बेहतर ढंग से तैयार कर सकें।