रतन टाटा का निधन
देश के प्रसिद्ध कारोबारी रतन टाटा का आज बुधवार रात निधन हो गया। उन्होंने लगभग 86 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह करीब 50 वर्षों तक टाटा समूह के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे।
रतन टाटा की अगुवाई में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ और नए-नए प्रयोग किए। चाहे वह नैनो जैसी किफायती कार का निर्माण हो या फिर अंतरराष्ट्रीय कारोबार का विस्तार, रतन टाटा ने हर निर्णय आत्मविश्वास के साथ लिया और अधिकांश मामलों में यह सही साबित हुआ।
शिक्षा का सफर
रतन टाटा का जन्म 1937 में सूनू और नवल टाटा के घर हुआ। 17 वर्ष की आयु में वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (इथाका, न्यूयॉर्क, अमेरिका) गए, जहां उन्होंने लगभग 7 वर्षों तक वास्तुकला और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 1962 में उन्होंने वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की और उसी वर्ष टाटा समूह की कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में असिस्टेंट के रूप में शामिल हुए।
जमशेदपुर में प्रशिक्षण
रतन टाटा ने टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी (अब टाटा मोटर्स) के जमशेदपुर प्लांट में छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (जिसे अब टाटा स्टील कहा जाता है) के जमशेदपुर सुविधाओं में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्थानांतरित हुए। 1965 में, उन्हें टिस्को के इंजीनियरिंग विभाग में तकनीकी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।
1969 में वह ऑस्ट्रेलिया गए, जहां उन्होंने टाटा समूह के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में काम किया। 1970 में रतन टाटा भारत लौट आए और थोड़े समय के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में काम किया। 1971 में, उन्हें नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (नेल्को) का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया।
महत्वपूर्ण घटनाक्रम
- 1974: टाटा संस के बोर्ड में निदेशक बने।
- 1981: टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने।
- 1986-1989: एयर इंडिया एयरलाइन के चेयरमैन रहे।
- 25 मार्च 1991: जेआरडी टाटा से टाटा संस के चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का पदभार संभाला। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने अपने कारोबार का विस्तार किया और वैश्विक स्तर पर प्रभाव बढ़ाया।
- 2008: भारत सरकार द्वारा उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- दिसंबर 2012: रतन टाटा ने टाटा समूह के साथ 50 वर्षों तक जुड़े रहने के बाद टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया और उन्हें टाटा संस का मानद चेयरमैन नियुक्त किया गया।
रतन टाटा का जीवन और कार्य देश के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।