
RG Kar Medical College, Kolkata के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद उनकी सुसाइड की थ्योरी पेश करने का आरोप है। मामला तब उजागर हुआ जब एक पूर्व डिप्टी सुपरिनटैंडेंट, अख्तर अली ने बायो मेडिकल वेस्ट के गलत निपटान की शिकायत की, और रिपोर्ट सब्मिट करने के तुरंत बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
डॉ. घोष पर करप्शन के गंभीर आरोप हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान में गड़बड़ी की और हॉस्पिटल में कई अनियमितताएं कीं। जांच के दौरान पता चला कि उनके द्वारा कचरे में हेरफेर कर पैसे कमाए जा रहे थे, और रिपोर्ट सब्मिट करने के तुरंत बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
डॉ. घोष के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनकी ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दो बार ट्रांसफर के आदेश के बावजूद, वे अपने पद पर बने रहे। एक छात्र ने शिकायत की थी कि डॉ. घोष के प्रिंसिपल बनने के बाद कॉलेज का माहौल पूरी तरह बदल गया और कई स्टूडेंट्स को परेशान किया गया।
डॉ. घोष के खिलाफ अन्य आरोपों में शैक्षणिक भ्रष्टाचार, बायो मेडिकल वेस्ट का गलत निपटान, और छात्रों से अवैध वसूली शामिल हैं। उनके समर्थन में खड़े कुछ स्टूडेंट्स ने कहा कि विरोध और प्रदर्शनों के पीछे व्यक्तिगत विवाद भी हो सकते हैं।
पुलिस और सीबीआई इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पीड़ित परिवार ने अस्पताल के कुछ इंटर्न और डॉक्टर्स पर शामिल होने का आरोप लगाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब मेडिकल संस्थानों को हेल्थकेयर वर्कर पर हमले के छह घंटे के भीतर FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अंततः, यह मामला न केवल डॉ. घोष की करप्शन की गहराई को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे उनके रसूख और पावर के चलते उन्हें कई बार ट्रांसफर के आदेश के बावजूद पद पर बने रहने की सुविधा मिली।