वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 21,936 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान 14,421 करोड़ रुपए से 52 फीसद अधिक है। इस बढ़े हुए बजट का उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण, डिज़ाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और भारत एआई मिशन जैसे क्षेत्रों में कई प्रोत्साहन योजनाओं और कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है।
मंत्रालय के प्रमुख विभाग और योजनाएं:
- सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिज़ाइन:
- संशोधित योजना: कंपाउंड सेमीकंडक्टर, सिलिकॉन फोटोनिक्स, सेंसर फैब, डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब, और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी)/आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण (ओएसएटी) सुविधाओं की स्थापना के लिए 4,203 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 1,424 करोड़ रुपए से काफी अधिक है।
- सेमीकंडक्टर फैब: भारत में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने की संशोधित योजना में वित्त वर्ष 2025 के लिए 1,500 करोड़ रुपए का परिव्यय है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण:
- भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हब बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रहा है।
- भारत एआई मिशन:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
बजट आवंटन का महत्व:
- विनिर्माण और डिज़ाइन: सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए बढ़े हुए बजट का मुख्य उद्देश्य भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करना है।
- तकनीकी उन्नति: मंत्रालय की योजनाओं का उद्देश्य उन्नत तकनीकों का विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
- आर्थिक विकास: इन योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने और देश की आर्थिक विकास दर में वृद्धि करने का भी लक्ष्य है।
यह बढ़ा हुआ बजट आवंटन मंत्रालय को अपने उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में मदद करेगा और भारत को तकनीकी और विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।