यूपी उपचुनाव 2024: 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग, नतीजे 23 को, मिल्कीपुर में चुनाव स्थगित

उत्तर प्रदेश विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। 13 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल चुनाव नहीं होगा। इस सीट से जुड़ी एक याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, जिसके चलते चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।

मिल्कीपुर सीट पर चुनाव क्यों स्थगित हुआ?

मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव ना होने की खबर ने सभी को चौंका दिया। यहां तक कि चुनाव आयोग की प्रेस रिलीज़ में भी इस सीट का ज़िक्र नहीं था। जब दैनिक भास्कर ने अयोध्या के डीएम चंद्र विजय सिंह और यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा से बात की, तो दोनों अफसर भी इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके।

नवदीप रिणवा ने बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा के प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद का निर्वाचन रद्द करने और खुद को निर्वाचित घोषित करने की मांग की है। चूंकि इस पर अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है।

बाबा गोरखनाथ ने आरोप लगाया था कि सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने गलत दस्तावेज दाखिल किए थे। उन्होंने कहा कि अवधेश ने नामांकन के दौरान जिस हलफनामे का इस्तेमाल किया, उसकी तारीख समाप्त हो चुकी थी। ऐसे में नियम के अनुसार, यह नामांकन रद्द हो जाना चाहिए था। इसी आधार पर उन्होंने यह याचिका दाखिल की थी, जो अभी कोर्ट में लंबित है।

9 सीटों पर होंगे उपचुनाव

यूपी के 9 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर को होने हैं। इनमें से 4 सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के पास थीं, जबकि 5 सीटों पर भाजपा और एनडीए का कब्जा था। इन सीटों में अंबेडकरनगर की कटेहरी, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर, मिर्जापुर की मझवां, कानपुर की सीसामऊ, मैनपुरी की करहल, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद की सदर और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीटें शामिल हैं।

मुख्य सीटें और उम्मीदवार

  1. करहल (मैनपुरी): सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को इस सीट से मैदान में उतारा गया है। यह सीट यादव बाहुल्य है, जहां सपा का अच्छा दबदबा है। भाजपा ने अभी तक अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है।
  2. कटेहरी (अंबेडकरनगर): सपा सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा इस सीट से सपा की उम्मीदवार हैं। भाजपा ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया है, जिनमें पूर्व प्रत्याशी अवधेश द्विवेदी और रमाशंकर सिंह प्रमुख हैं।
  3. कुंदरकी (मुरादाबाद): सपा से मोहम्मद रिजवान के नाम की चर्चा है, जबकि भाजपा रामवीर सिंह को मैदान में उतार सकती है।
  4. खैर (अलीगढ़): इस सीट पर जाट मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भाजपा के संभावित प्रत्याशियों में सुरेंद्र दिलेर का नाम प्रमुखता से चर्चा में है।
  5. गाजियाबाद सदर: भाजपा ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर से डॉली शर्मा अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं।
  6. मीरापुर (मुजफ्फरनगर): यहां बसपा ने शाहनजर को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि रालोद के नवाजिश आलम और सपा के कादिर राणा की चर्चा है।
  7. फूलपुर (प्रयागराज): सपा ने यहां से पूर्व विधायक मुस्तफा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बसपा ने शिवबरन पासी को उतारा है।
  8. मझवां (मिर्जापुर): सपा ने पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने यहां निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है।
  9. सीसामऊ (कानपुर): सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा के संभावित प्रत्याशियों में सलिल विश्नोई और अजय कपूर का नाम शामिल है।

चुनाव में जातीय समीकरण

इन उपचुनावों में जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। करहल, कटेहरी, कुंदरकी, खैर, मीरापुर और सीसामऊ जैसी सीटों पर जातीय आधार पर प्रत्याशी चुने जा रहे हैं। सपा अपने पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) समीकरण के आधार पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने जातीय गणित को ध्यान में रखते हुए अपने प्रत्याशी उतारने की रणनीति बनाई है।

राजनीतिक दलों की तैयारी

सभी प्रमुख दल उपचुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सपा, भाजपा और बसपा ने अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में हैं। बसपा ने भी 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, और कांग्रेस कुछ सीटों पर सपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं को तलाश रही है।

इस बार उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। दोनों दलों ने जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है। अब देखना होगा कि 23 नवंबर को नतीजे किसके पक्ष में जाते हैं।

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